महिला दिवस पर इस महिला के करुण क्रंदन सुनकर आप भी रो पड़ेंगे, 42 दिनों से आमरण अनशन कर रहे कर्मचारियों ने शासन प्रसाशन पर लगाए आरोप

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अल्मोड़ा। आज के दिन जहां पूरा देश महिला दिवस मनाकर महिलाओं के संघर्ष को सलाम कर रहा है। वहीं अल्मोड़ा में अपनी रोजगार को बचाने के लिए 42 दिनों से आमरण अनशन पर बैठी महिला कर्मचारियों को चक्का जाम करना पड़ा यही नहीं महिलाओं ने कहा कि आज उनकी स्थिति सड़कों पर बैठने की हो गई है। रोते हुए महिला अनशनकारी ममता भंडारी ने कहा कि उनके घरों में फाके की नौबत आ गई है। बच्चों की फीस जमा नहीं होने से उनका नाम कट गया है। घर और बच्चों को छोड़कर उन्हें इस तरह सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। और शासन प्रशासन को उनकी कोई सु​ध नहीं है।
मामलू हो कि कुमांऊ की पुरानी दवा फैक्ट्रीयों में सुमार अल्मोड़ा की आल्पस दवा फैक्ट्री पिछले सात महिनो से बंद है। कर्मचारी यहां गांधी पार्क में आंदोलन कर रहे हैं। और आमरण अनशन को दिन पूरे हो गए हैं। रोते हुए कर्मचारियों ने कहा कि उनकी बात को सरकार तक नहीं पहुंचाया जा रहा है। इधर पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार शुक्रवार को फैक्ट्ररी के श्रमिकों ने चौघानपाटा में चक्का जाम कर दिया । कई राजनैतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने व्यक्तिगत रूप से अपना समर्थन देकर आंदोलन में शिरकत की। जाम के चलते वाहनों की कतार लग गई। आंदोलनकारियों ने इस दौरान जनगीत भी गाए। इस मौके पर अशोक साह, जन्मेन्जय तिवारी,वैभव पांडे, गीता मेहरा, राजू गिरी सहित कई संगठनों के लोगों ने आंदोलन को अपना समर्थन देकर जाम में भाग लिया। कहा कि भविष्य में आंदोलन को और उग्र रूप दिया जाएगा।

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