वरिष्ठ पत्रकार योगेश भट्ट की फेसबुक वॅाल से साभार
नाचिये, गाइये, झूमिये, जश्न मनाइये ! आखिर ‘पहाड़’ को खरीदने-बेचने का रास्ता जो साफ हो गया है । प्रचंड जनादेश वाली सरकार अपने ‘मंसूबे’ में एक बार फिर कामयाब हुई है। पहाड़ में कृषि भूमि खरीद की सीमा का प्रतिबंध और भू-उपयोग परिवर्तन की बाध्यता अब सरकार ने खत्म कर दी है । मसला ‘जमीन’ से जुड़ा था तो सरकार ‘अभूतपूर्व’ तत्परता दिखायी। शायद ही सरकार ने अपनी किसी घोषणा पर इतनी तेजी से अमल किया हो । इस फैसले के बाद अब पहाड़ को न चकबंदी कानून की जरूरत महसूस होगी और न पलायन से वीरान या भूतहा होते गांवों की चिंता ।