Uttarakhand- संजीवनी संस्था ने विश्व स्तनपान सप्ताह 2022 के तहत लोगों को किया जागरूक

अल्मोड़ा। संजीवनी संस्था ने Leo & Mia Foundation के सहयोग से अल्मोड़ा जिले के भिक्यासेन ब्लॉक में विश्व स्तनपान सप्ताह 2022 मनाया। बताया गया कि…

IMG 20220811 WA0008

अल्मोड़ा। संजीवनी संस्था ने Leo & Mia Foundation के सहयोग से अल्मोड़ा जिले के भिक्यासेन ब्लॉक में विश्व स्तनपान सप्ताह 2022 मनाया। बताया गया कि इस वर्ष 1 अगस्त से 7 अगस्त 2022 आयोजित विश्व स्तनपान सप्ताह का विषय- “स्तनपान के लिए कदम बढ़ाएं: शिक्षित करें, सहयोग करें” था। संजीवनी के कार्यकर्ताओं द्वारा अलग अलग जगह इसके तहत जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए।

जागरूकता कार्यक्रमो के माध्यम से बताया गया कि बच्चे के शुरुआती विकास में स्तनपान का कितना व क्या महत्व है। जिन नवजात शिशुओं को जन्म के पहले घंटे के भीतर स्तनपान कराया जाता है, उनके जीवित रहने की संभावना अधिक होती है। वहीं कोलोस्ट्रम (माता का सबसे पहला दूध) पोषक तत्वों और एंटीबॉडी से भरपूर होता है। यह बच्चे की पहली ‘वैक्सीन’ की तरह काम करता है। ब्रेस्टमिल्क वह सभी ऊर्जा और पोषक तत्व प्रदान करता है जिसकी शिशु को जीवन के पहले महीनों के साथ साथ 2 वर्षों तक बेहद ही आवश्यकता होता है।

बताया कि नवजात शिशु के शुरूआती छह महीने तक उसे केवल माँ का दूध देना चाहिए और उसके बाद ही अन्य भोजन को देना चाहिए। नवजात शिशु को सामान्यतः हर 2-3 घंटे में दूध पिलाना चाहिए। वहीं 2 महीने तक, हर 3-4 घंटे में दूध पिलाना चाहिए और छह महीने तक, सामान्यतः बच्चे को हर 4-5 घंटे में दूध पिलाना चाहिए। स्तनपान से अतिरिक्त कैलोरी बर्न होती है, इसलिए यह धातृ महिलाओं में तेजी से वजन कम करने में मदद करता है। यह हार्मोन ऑक्सीटोसिन जारी करता है, जो की गर्भाशय को गर्भावस्था से पहले के आकार में वापस लाने में मदद करता है और जन्म के बाद गर्भाशय के रक्तस्राव को कम कर सकता है। 1 वर्ष से अधिक और विशेष रूप से माँ में 2 वर्ष तक स्तनपान कराने से निरंतर लाभ होते हैं। ब्रेस्टफीडिंग से ब्रेस्ट और ओवेरियन कैंसर का खतरा भी कम होता है।

स्तनपान के दौरान माता को ऊर्जा के लिए प्रति दिन लगभग 500 कैलोरी अधिक चाहिए होती है। प्रोटीन, विटामिन डी, विटामिन ए, विटामिन ई, विटामिन सी, बी12, सेलेनियम और जिंक सहित विशिष्ट पोषक तत्वों की आवश्यकता भी बढ़ जाती है। विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों में महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों ने भी अपनी प्रतिभागिता दी।