संदर्भ साहित्य निर्माण के लिए अल्मोड़ा डायट में कार्यशाला हुई शुरू

अल्मोड़ा।संदर्भ साहित्य निर्माण के लिए अल्मोड़ा डायट में कार्यशाला शुरू हो गयी है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान अल्मोडा में अंग्रेजी, हिंदी और कुमाऊनी भाषा…

Workshop started in Almora DIET for making reference literature

अल्मोड़ा।संदर्भ साहित्य निर्माण के लिए अल्मोड़ा डायट में कार्यशाला शुरू हो गयी है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान अल्मोडा में अंग्रेजी, हिंदी और कुमाऊनी भाषा के संदर्भ साहित्य निर्माण के लिए पांच दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन पहरू के संपादक डॉ हयात सिंह रावत, डाइट प्राचार्य जीजी गोस्वामी और पूर्व प्रधानाचार्य बलवंत सिंह ने किया।

इस अवसर पर कार्यशाला को संबोधित करते हुए डॉ0 हयात सिंह रावत ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में क्षेत्रीय भाषाओं और बोलियों को बढ़ावा दिया गया है। कहा कि क्षेत्रीय भाषाओं और बोलियों से ही अन्य भाषाओं को सीखने की प्रक्रिया आसान होती है।


डॉ0 रावत ने कहा कि कुमाउनी बोली को प्रारंभिक स्तर से इंटरमीडिएट स्तर तक एक विषय के रूप में लागू किए जाने की भी आवश्यकता है। डाइट के प्राचार्य जीजी गोस्वामी ने कहा कि डाइट स्तर पर कुमाउनी भाषा को समृद्ध बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। कहा कि इसके लिए शिक्षकों को भी आगे आने की आवश्यकता है।

पूर्व प्रधानाचार्य बलवंत सिंह बिष्ट ने कहा कि प्रारंभिक स्तर पर कुमाऊनी, हिंदी व अंग्रेजी को साथ-साथ पढ़ाया जाना चाहिए। मंडल महामंत्री डॉ0 कैलाश डोलिया ने कहा कि आज के परिवेश में कुमाउनी बोली को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई जाने की जरूरत है।


इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक गोपाल सिंह गैड़ा ने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से प्रारंभिक स्तर पर अंग्रेजी को सरलता से पढ़ाने के लिए कुमांउनी व हिंदी को साथ साथ प्रारंभिक स्तर पर पढ़ाये जाने की आवश्यकता है। कहा कि इसके लिए संदर्भ साहित्य का निर्माण किया जा रहा है। जी.एस. गैडा़ ने कहा कि राज्य स्तर पर डाइट को अंग्रेजी का उत्कृष्टता केंद्र बनाए जाने के लिए विभिन्न स्तर पर कार्य किया जा रहा है।

इस अवसर पर एम एस भंडारी डॉ हेम जोशी डॉ बीसी पांडे ,अशोक बनकोटी, प्रकाश पंत, डॉ0 सरिता पांडे, ललित मोहन पांडे, पुष्पा बोरा, कैलाश डोलिया, कुलदीप जोशी, डाक्टर मेघना पंत, डॉ पवनेश ठकुराठी, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन से अभिलाषा अवस्थी, क्लेरिसा आदि मौजूद रहे।