Withdraw the decision of cutting cedar trees for road widening in Jageshwar, youth associated with IYF raised demand
युवाओं द्वारा कहा गया कि पिछले कुछ सालों से जंगलों को बचाने के लिए वे वृक्ष मित्र अभियान का संचालन कर रहे हैं और लोगों को पेड़ों को बचाने के लिए जागरुक कर रहे हैं ऐसे समय में हजारों देवदार के पेड़ों को काटना जंगलों को बचाने की मुहिम को हतोत्साहित करने वाला है। उत्तराखंड के जंगल यहां के अस्तित्व के साथ जुड़े हैं ।
अल्मोड़ा, 09 मार्च 2024- इंडियन यूथ फेडरेशन(आईवाईएफ)और उत्तराखंड यूथ नेटवर्क द्वारा जागेश्वर में सड़क चौड़ीकरण को लेकर प्रस्तावित देवदार वृक्षों के कटान के निर्णय के विरोध में युवाओं ने एक अभियान की शुरुवात की।
अभियान के तहत पहले दिन युवाओं की टीम ने चौघानपाटा गांधी पार्क के समीप प्रदर्शन कर आम युवाओं की राय भी ली। युवाओं ने कहा कि उत्तराखंड में प्रकृति से खिलवाड़ करके विकास के नाम पर विनाश किया जा रहा है। जबकि सतत विकास लक्ष्यों में इस बात को सुनिश्चित किया गया है कि जंगलों को बचाने के लिए भारत सरकार काम करेगी। युवाओं ने कहा कि सरकार द्वारा इस मामले की दुबारा समीक्षा की बात कही गई है परन्तु सिर्फ समीक्षा ना कर इस फैसले को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए और भविष्य में ऐसे फैसले लिये जाने से बचना चाहिए।
इस मौके पर युवाओं ने कहा कि उत्तराखंड में सड़कों के चौड़ीकरण के नाम पर जंगलों को अंधाधुंध काटा जा रहा है। जिसके गंभीर परिणाम भविष्य में दिखाई पड़ेंगे।
उत्तराखंड युवा नेटवर्क के युवाओं द्वारा कहा गया कि पिछले कुछ सालों से जंगलों को बचाने के लिए वे वृक्ष मित्र अभियान का संचालन कर रहे हैं और लोगों को पेड़ों को बचाने के लिए जागरुक कर रहे हैं ऐसे समय में हजारों देवदार के पेड़ों को काटना जंगलों को बचाने की मुहिम को हतोत्साहित करने वाला है। उत्तराखंड के जंगल यहां के अस्तित्व के साथ जुड़े हैं । जंगलों का विनाश कभी भी विकास को आगे नहीं बढ़ा सकता है। फेडरेशन की राष्ट्रीय समन्वयक भारती पांडे ने कहा कि लगातार प्रकृति के साथ छेड़छाड़ जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा देने का काम कर रही है। साथ ही इस तरह की छेड़छाड़ से मानवाधिकार भी प्रभावित होते हैं।
अभियान में अल्मोड़ा में नगर के अन्य युवाओं से संवाद किया और युवाओं ने जागेश्वर के मामले में विचार लिए गए । जिसपर अधिकतर युवाओं ने माना कि देवदार के वृक्षों को काटने का यह तत्कालीन फैसला उचित नहीं है। और इसे वापस लिया जाना चाहिए। युवाओं ने हिा कि आज इस अभियान की शुरुवात गांधीपार्क से कर रहे हैं अभी इस चर्चा को अन्य युवाओं और नागरिक समाज के बीच भी ले जाया जायेगा। जिससे जागेश्वर के इस जंगल को बचाया जा सके। कार्यक्रम में अरमान चौधरी, दीपांशू पांडे, राकेश कुमार, तनुजा, सक्षम, सोनी,आकांक्षा, अंकित, सुरेन्द्र प्रसाद, रजनी टम्टा, पार्वती रौतेला, चन्द्रा कोहली, राहुल सिंह, सौरभ नयाल, अनीषा आर्या, शिवानी, हर्षित राना, दिव्या, मीनाक्षी सहित कई युवाओं ने अपने विचार साझा किये।