बदरीनाथ धाम में बदलाव की बयार, नया आस्था पथ के साथ बेहतर सुविधाएं और भव्य स्वरूप

उत्तराखंड के चार धामों में से एक बदरीनाथ धाम में इस साल यात्रा का अनुभव पहले से कहीं अधिक सुगम और भव्य होने वाला है।…

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उत्तराखंड के चार धामों में से एक बदरीनाथ धाम में इस साल यात्रा का अनुभव पहले से कहीं अधिक सुगम और भव्य होने वाला है। 12 मई को कपाट खुलने के साथ ही श्रद्धालु बाबा बद्री विशाल के दर्शन के लिए नए आस्था पथ से धाम पहुँच सकेंगे। मास्टर प्लान के तहत धाम में चल रहे निर्माण कार्यों के कारण पुराने आस्था पथ में बदलाव किया गया है और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई नई व्यवस्थाएं की गई हैं।

गौरतलब हो, बदरीनाथ धाम तक पहुँचने वाला पुराना रास्ता ध्वस्त हो गया था, जिसके स्थान पर अब साकेत तिराहे से अलकनंदा नदी के किनारे से होते हुए लगभग 100 मीटर लंबा नया आस्था पथ बनाया गया है। यह मार्ग श्रद्धालुओं को एक सुंदर और मनोरम दृश्य प्रदान करेगा। बामणी गांव से बदरीनाथ मंदिर तक पहुँचने के लिए भी लगभग 300 मीटर लंबा नया रास्ता बनाया गया है। रीवर फ्रंट के निर्माण कार्य के कारण पुराना रास्ता क्षतिग्रस्त हो गया था।

बदरीनाथ धाम परिसर के आसपास पहले होटल, धर्मशाला और आवासीय मकान थे, जिन्हें अब हटा दिया गया है। इससे धाम परिसर का स्वरूप और अधिक भव्य और विशाल हो गया है। लोक निर्माण विभाग द्वारा मलबे का निस्तारण किया जा रहा है।

बता दें, बदरीनाथ धाम की यात्रा के लिए प्रशासन द्वारा सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए आवास, भोजन, स्वास्थ्य सेवाएं, सुरक्षा व्यवस्था आदि का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।बीकेटीसी द्वारा मंदिर की साज-सज्जा, सफाई और अन्य कार्य किए जा रहे हैं। मंदिर परिसर को आकर्षक ढंग से सजाया जा रहा है। नगर पंचायत द्वारा 45 पर्यावरण मित्रों को नियुक्त किया गया है, जो धाम में स्वच्छता बनाए रखने का कार्य करेंगे।

इस बार बदरीनाथ धाम की यात्रा श्रद्धालुओं के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव होगी। नए आस्था पथ, बेहतर सुविधाएं और धाम के भव्य स्वरूप से यात्रा और अधिक सुखद और आध्यात्मिक बनेगी।