अल्मोड़ा- वक्त की जरूरत‌ है, “क्यों असफल होते हैं बच्चे(Why children fail)” पुस्तक, पालिकाध्यक्ष प्रकाश जोशी ने किया विमोचन

Almora – Need of the hour, “Why children fail” book, Municipal President Prakash Joshi released पुस्तक में उन कारणों का पर प्रकाश डाला गया है…

Screenshot 20230314 181104

Almora – Need of the hour, “Why children fail” book, Municipal President Prakash Joshi released

पुस्तक में उन कारणों का पर प्रकाश डाला गया है कि कैसे माता-पिता, शिक्षक व स्कूल प्रशासन जाने-अनजाने बच्चों की असफलता में भागीदार बन जाते हैं , साथ ही उन उपायों पर भी प्रकाश डाला गया है कि कैसे बच्चों को असफल होने से बचाया जा सकता है व एक स्वस्थ ऊर्जावान समाज का निर्माण का किया जा सकता है।

अल्मोड़ा, 14 मार्च 2023- राजकीय‌ इंटर कॉलेज स्यालीधार में आयोजित एक कार्यक्रम में विद्यालय‌ के प्रधानाचार्य उमेश चन्द्र पांडे और एसएसजे विवि के प्रोफेसर सुशील कुमार जोशी द्वारा लिखित पुस्तक “क्यों असफल होते हैं बच्चे(Why children fail)” का विमोचन किया।


नगर पालिकाध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी ने इस पुस्तक का विमोचन किया ।


“क्यों असफल होते हैं बच्चे(Why children fail) नाम की यह पुस्तक वर्तमान दौर में प्रासंगिक है।
इस पुस्तक मे उन कारणों का पर प्रकाश डाला गया है कि कैसे माता-पिता, शिक्षक व स्कूल प्रशासन जान-अनजाने बच्चों की असफलता में भागीदार बन जाते हैं , साथ ही उन उपायों पर भी प्रकाश डाला गया है कि कैसे बच्चों को असफल होने से बचाया जा सकता है व एक स्वस्थ ऊर्जावान समाज का निर्माण का किया जा सकता है।

Why children fail
अल्मोड़ा- वक्त की जरूरत‌ है, “क्यों असफल होते हैं बच्चे(Why children fail)” पुस्तक, पालिकाध्यक्ष प्रकाश जोशी ने किया विमोचन


इस अवसर पर प्रकाश जोशी ने आशा जताई कि यह पुस्तक बच्चों और अभिभावकों दोनों के लिए लाभदायक साबित होगी।


पालिकाध्यक्ष प्रकाश जोशी व प्रोफेसर सुशील जोशी ने बच्चों को सफलता के प्राप्त करने हो प्रेरित किया।

छात्रों के लिए कई बहुउपयोगी पुस्तकें लिख चुके हैं उमेश पांडे

शिक्षक उमेश चन्द्र पांडे इससे पूर्व कई पुस्तकें हाऊ टू मल्टीप्लाई, तत्वों का संसार, कैमेस्ट्री मेड सिंपलर , जीरो, अनन्त, भारत व विश्व के महान गणितज्ञ आदि पुस्तकें लिख चुके है।
चर्चित पुस्तक कैमेस्ट्री मेड सिंपलर कार्य हेतु वह विश्व के शीर्षस्थ 21 नवाचारी शिक्षकों में 2001 में शामिल किए जा चुके हैं।