अल्मोड़ा निवासी चंद्र प्रकाश पाण्डे पूरी दुनियां को बता रहे हैं पहाड़ी भोजन (mountain food)की विशेषताएं

mountain food

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Chandra Prakash Pandey, a resident of Almora, is telling the whole world the characteristics of mountain food

अल्मोड़ा, 10 नवंबर 2021- मासी के ग्राम खनूली चौखुटिया अल्मोड़ा निवासी चंद्र प्रकाश पाण्डे वर्तमान में विश्व स्तरीय सैफ ही नहीं वरन् भारतीय भोजन(mountain food) के व्याख्यता भी बन गए है।


अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय भोजन के विज्ञान और दर्शन को स्थापित करने में उनका बड़ा योगदान है। उनकी इस उपलब्धि पर उनके गृह क्षेत्र से अनेक लोगों ने उनका शुभकामनाएं भेजी है।


ज्ञात हो कि बीते 5 नवम्बर को भारतीय दूतावास के माध्यम से पश्चिम अफ्रीकी देश टोगो में भारतीय व्यंजन के बारे में बताने के लिए शेफ़ चंद्रा प्रकाश को आमंत्रित किया गया।


उन्होंने ईएसए विश्वविद्यालय लेबनान छात्रों को भारतीय व्यंजन(mountain food) प्रस्तुत किए गए थे। शेफ़ चंद्रा प्रकाश को भारतीय भोजन तथा भारतीय मसालों के फ़ायदे के बारे में बताने के लिये आमंत्रित किया शेफ चंद्र प्रकाश द्वारा ईएसए विश्वविद्यालय लेबनान छात्रों को भारतीय व्यंजन प्रस्तुत किए गए थे।


चंद्र प्रकाश ने बताया कि भारतीय व्यंजन(mountain food) विभिन्न समुदायों और संस्कृतियों को आपस में मिलाने के 5000 साल के इतिहास को दर्शाता है, जिससे विविध स्वाद और क्षेत्रीय व्यंजन बनते हैं। भारतीय व्यंजन का अर्थ है विभिन्न प्रकार की खाना पकाने की शैलियाँ।


भारतीय व्यंजनों (mountain food)ने अंतरराष्ट्रीय संबंधों के इतिहास को भी आकार दिया है, भारत और यूरोप के बीच मसाला व्यापार मसाले भारत से खरीदे जाते थे और यूरोप और एशिया के आसपास व्यापार किया जाता था। इसने दुनिया भर के अन्य व्यंजनों को भी प्रभावित किया है।

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भारतीय खाद्य आहार की आदतें पारंपरिक रूप से आयुर्वेद के विज्ञान, जीवन के स्वास्थ्य विज्ञान से आती हैं।

विश्व के अन्य भागों की तुलना में भारतीय भोजन अधिक पौष्टिक होता है। इसका सबसे बड़ा कारण भारतीय मसाले हैं।

हमारे खाने में इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर मसाले औषधीय और आयुर्वेदिक गुण वाले होते हैं, इसलिए इन्हें खाने में डालने से न सिर्फ खाना स्वादिष्ट और सुगंधित बनता है, बल्कि कई तरह की बीमारियों से भी बचाव होता है।


आयुर्वेद कहता है कि भोजन हमारी पहली दवा है जब आप भोजन का सेवन करते हैं तो आप ओचाश में बदल सकते हैं जो कि जैव हास्य सार है जिसे जीवित रहने की आवश्यकता होती है और यह आपको ऊर्जा देता है यह अंगों को मदद करता है जिससे यह आपको स्थानांतरित करने में मदद करता है।

इस दौरान, टोगो में भारत के राजदूत, संजीव टंडन और उनके सहयोगियों ने शेफ़ चंद्रा प्रकाश ने का आभार व्यक्त किया।

चंद्र प्रकाश पाण्डे खनूली के निर्धन परिवार से है। उनके पिता बचपन में गुजर गए थे। उनका परिवार गांव में रहता है और वे बीते एक दशक से अधिक समय से वे महानगरों में संघर्ष करते रहे। वर्तमान में उनका गांव से घना सम्बंध है और वे लगातार गांव आते रहते हैं।

भारतीय पाक कला(mountain food) में उनका खासा नाम है। अनेक देशों और जानी मानी हस्तियों के बीच अपने एक हुनर के कारण विख्यात हैं।उनके गांव से जिला पंचायत अध्यम श्रीमती उमा बिष्ट, पूर्व विधायक मदन बिष्ट, सांसद प्रतिनिधि जगदीश पाण्डे, पूर्व जिला पंचायत सदस्य श्रीमती राधा पाण्डे, प्रधान मासी दीपा मासीवाल आदि ने हर्ष व्यक्त किया है।