बच्चों को लेकर रोज कई तरह की खबरें आती है उनमें एक सबसे बड़ी और विशेष खबर है बच्चे चोरी होने की। अस्पताल स्कूल और पार्क ऐसी जगह पर अधिकतर बच्चे गायब हो जाते हैं इन्हीं का मुख्य कारण सावधानियां ना बरतना होता हैं। हर कोई इस बात का विशेष ध्यान लगता है कि अगर बच्चा खेल रहा हो या स्कूल जा रहा हूं तो उसे अकेला ना छोड़ा जाए।
लेकिन आप कैसे एक देश के बारे में जानते हैं जहां पर माता-पिता अपने बच्चों को खुले आसमान के नीचे सड़कों पर अकेला सुनते हैं वहां उनकी देखरेख करने के लिए उनके दादा दादी या नाना मौसी कोई नहीं होता बच्चों को एक डॉलर में सड़क पर सोने के लिए छोड़ दिया जाता है। यदि आप इस देश में किसी बच्चे को बुखार क्या सड़क के किनारे छोटी गाड़ी में सोते हुए देखे तो हैरान ना हो और इन बच्चों को लावारिस न समझे। बल्कि यह इस देश का रिवाज है कि सोते हुए बच्चों की गाड़ी को पार्क कर सड़क के किनारे सोते हुए छोड़ दिया जाता है।
जीरो डिग्री या माइनस डिग्री टेंपरेचर होते हुए भी बच्चों को सुलाते हैं बाहर
यहां बात हो रही है । हीरो के बेस्ट डेनमार्क की एग्जाम बच्चों को सड़कों के किनारे या पार्क में सुनाया जाता है डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में छोटे-छोटे सोते हुए बच्चों की सटौलर सड़क के किनारे मिल जाएंगे। ऑफिस के अलावा कहीं पर भी बच्चों को अकेले छोड़ने के बारे में सोच नहीं सकते। रोमांचक बात यह है कि को कोपेनहेगन में जीरो या माइनस डिग्री टेंप्रेचर होने पर भी बच्चों को खुले आसमान के नीचे स्टौलर में सुलाया जाता है। ऐसे बच्चों के स्टौलर आप शहरों में कहीं भी देख सकते हैं
इन हजारों उन लोगों के लिए और भी दिलचस्प हो जाता है जो बाहर से आते हैं क्योंकि इन बच्चों के मम्मी पापा उसे समय का इस्तेमाल अपनी महीने तक डेट के लिए करते हैं और उसे समय कैसे मैं अपनी काफी एंजॉय करते हुए नजर आते हैं।
यहां बच्चों को ताजी हवा में बाहर सुलाया जाता है बाहर क्यों छोड़ दिए जाते हैं बच्चे?
डेनमार्क में छोटे बच्चों को लंच के बाद पास होने के लिए छोड़ दिया जाता है हालांकि हमारे लिए यह बात बहुत आचार्य जनक है कि वही वहां यह कलर बाद ही आम है। दरअसल बात यह है कि टाइम बाद में 3 साल तक के बच्चों को खुली हवा में सुलाने की प्रथम है वहां यह माना जाता है कि छोटे बच्चों के लिए खुली हवा में बहुत जरूरी है खुली हवा में सोने से बच्चों को कई तरह के इंफेक्शन से बचाया जा सकता है इतना ही नहीं वहां की मिडवाइवस और बेबी नर्स बच्चों को बाहर सुलाने की सलाह देती है। बच्चों को सुनने के लिए उनके स्टाल में कंबल रखे जाते हैं ताकि उनको ठंड न लगे।वहां की यह परंपरा होने के कारण बच्चों की चोरी या किडनैप होने का खतरा नहीं रहता है हालांकि बच्चों की सुरक्षा के लिए उनके माता-पिता उनके स्टौलर में मॉनिटर लगवा कर रखते हैं।