शादी कब होगी अमान्य , क्या है तलाक के नियम , जानिए सीएम धामी द्वारा पेश किए गए बिल में क्या क्या है

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को यूसीसी बिल रखा जिसमें शादी की मान्यता , तलाक के नियम और अलगाव के बाद उसी इंसान से…

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को यूसीसी बिल रखा जिसमें शादी की मान्यता , तलाक के नियम और अलगाव के बाद उसी इंसान से शादी करना आसान होगा या मुश्किल, इसके साथ ही शादी जुड़े कई कानूनों का जिक्र किया गया है जो की सभी धर्मों के लिए मान्य होगा।

1- उत्तराखंड के बिल के मुताबिक, अगर प्रत्यर्थी नपुंसक है या जानबूझकर शारीरिक सम्बंध नहीं बनाए गए हैं तो शादी अमान्य मानी जाएगी।

2- इसके साथ ही याचिकाकर्ता से बलपूर्वक, प्रताड़ित करके या धोखाधड़ी करके शादी की सहमति ली गई है तो भी वह शादी भी अमान्य होगी।


3- अगर शादी के दौरान पत्नी पति के अलावा किसी अन्य पुरुष से गर्भवती थी या पति ने विवाह के समय पत्नी के अलावा किसी अन्य महिला को गर्भवती किया तो भी वह शादी अमान्य होगी।

इसके साथ ही अब तलाक लेना भी आसान नहीं होगा कोर्ट में तलाक की अर्जी तब तक नहीं दी सकतें, जब तक शादी का एक साल पूरा नहीं हो जाता। अगर इससे पहले कोई अर्जी देगा तो उस पर सुनवाई नहीं की जाएगी। इस याचिका को निरस्त कर दिया जाएगा। वही तलाक के मामलों की सुनवाई करते समय कोर्ट बच्चों यदि बच्चे है तो, उनके हित को देखते हुए ही फैसला सुनाएगा।

वही तलाक के लिए आवेदन किया जा सकेगा। जैसे- किसी एक पक्षकार ने विवाह के बाद किसी अन्य से स्वेच्छा से शारीरिक सम्बंध बनाए हैं। याचिकाकर्ता के साथ क्रूर व्यवहार किया गया हो। अगर दूसरे पक्षकार ने याचिकाकर्ता को दो साल से त्याग रखा हो। अगर याचिकाकर्ता के धर्म से किसी अन्य धर्म में परिवर्तन कराया जाता है तो तलाक मिल सकेगा।

अगर पति और पत्नी में से कोई भी जिंदा है तो बिना तलाक के दूसरी शादी नहीं कर सकते, चाहे वह किसी भी धर्म से हो। यदि शादी के बाद कोई भी एक धर्म परिवर्तन करता है तो दूसरे को तलाक लेने और गुजारा भत्ता लेने का पूरा अधिकार होगा।

वही तलाक के बाद महिला फिर से उसी पुरुष से शादी करना चाहती है तो उसके लिए हलाला और इद्दत की जरूरत नहीं होगी। अगर कोई ऐसा करने के लिए महिला को मजबूर करता है तो उसे 3 साल की जेल और एक लाख रुपए जुर्माना देना पड़ेगा।

आप गांव में रहते है या शहर में, शादी का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम और जिला व राज्य स्तर पर मैरिज रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा। मैरिज रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया आसान हो इसके लिए वेब पोर्टल भी लॉन्च किया जाएगा। सरकार का कहना है कि शादी के रजिस्ट्रेशन से अगर कोई शख्स किसी को धोखा देकर दूसरी शादी करने जा रहा हे तो उसके बारे में पता चल जाएगा ।

अगर मैरिज रजिस्ट्रेशन नहीं कराते हैं तो भी शादी मान्य होगी, लेकिन आपको सरकारी लाभ नहीं मिलेंगे। हर धर्म के लोग शादी को अपनी परंपरा के हिसाब से निभा सकते हैं, इसको छेड़ा नहीं गया है।