ओला (Ola), उबर (Uber) या रैपिडो (Rapido) आपके पर्सनल इनफॉर्मेशन का क्या करती है सुनकर आप हो जाएंगे हैरान

अगर आप ओला (Ola), उबर (Uber) या रैपिडो (Rapido) इस्तेमाल करते है तो ये खबर आपको हैरान कर सकती है। ये सारे ऐप की कंपनियां…

Old 500 or thousand notes worth over Rs 4 crore received from Uttarakhand

अगर आप ओला (Ola), उबर (Uber) या रैपिडो (Rapido) इस्तेमाल करते है तो ये खबर आपको हैरान कर सकती है। ये सारे ऐप की कंपनियां आपके नाम पता सहित कई जानकारियां अपने पास रख लेती हैऔर लोगों की ये पर्सनल जानकारियां थर्ड पार्टीज को बेच देती हैं, जो ऐड के लिए डेटा का इस्तेमाल करती हैं।


ये 3 ऐप के जरिए कलैक्ट किया जाता है सबसे ज्यादा डाटा


साइबर सिक्योरिटी कंपनी Surfshark की एक स्टडी में ये पता चला है कि ग्रैबटैक्सी (Grabtaxi), यांडेक्स गो (Yandex Go) और उबर सबसे ज्यादा डेटा कलेक्ट करती हैं। भारतीय कंपनी ओला भी इसमें शामिल है और डेटा जमा करने में छठे स्थान पर है. रैपिडो भी अपने ऐप से यूजर की जानकारियां कलेक्ट करती हैं, लेकिन यह ग्रैबटैक्सी की तुलना में 10 गुना कम है।


ऐड देने वाली कंपनियों को बेचा जाता है कलेक्टेड डेटा


स्टडी में सबसे हैरान करने वाली बात सामने आई है कि जिन 30 राइड हेलिंग ऐप्स (Ride Hailing Apps) को शामिल किया गया, उनमें से 9 कंपनियां यूजरों की जानकारियों को थर्ड पार्टी एडवर्टाइजिंग (Third Party Advertising) में यूज करती हैं। इन जानकारियों में यूजर का नाम (Name), पता (Address), मोबाइल नंबर (Mobile Number), ईमेल (Email) आदि शामिल हैं. उबर और लिफ्ट (Lyft) जैसे कुछ ऐप तो नस्ल (Race), जाति (Ethnicity), सेक्सुअल झुकाव (Sexual Orientation), प्रेगनेंसी (Pregnancy), चाइल्डबर्थ इंफॉर्मेशन (Childbirth Info), बायोमीट्रिक डेटा (Biometric Data) जैसी संवेदनशील जानकारियां भी कलेक्ट करते हैं और थर्ड पार्टी को बेचते हैं।


परमिशन देकर ये रिस्क बढ़ा लेते हैं यूजर


Kaziukonis ने कहा कि लोग ऐप्स को संवेदनशील डेटा कलेक्ट करने का परमिशन देकर यूजर रिस्क बढ़ा लेते हैं. इस वजह से वो जहां कहीं भी जाते हैं, डिजिटल फुटप्रिंट (Digital Footprint) छोड़ आते हैं। सर्विस के बदले उनके पर्सनल डिटेल्स, फिजिकल एड्रेस तक थर्ड पार्टी के पास पहुंच जाते हैं।यहां तक कि वे किन लिंक्स पर रहे हैं, ये भी ऐप को पता चलता रहता है।