क्या है नागरिकता संशोधन अधिनियम, इसमें किसको नहीं किया है शामिल , जानिए खबर के लिंक पर

केंद्र सरकार द्वारा CAA कानून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के मंजूरी मिलने के बाद से पास कर दिया गया है। जिसको लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय…

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केंद्र सरकार द्वारा CAA कानून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के मंजूरी मिलने के बाद से पास कर दिया गया है। जिसको लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। पूरे देश में इस कानून को लागू कर दिया गया है। नागरिकता संशोधन अधिनियम का मुस्लिम समुदाय द्वारा विरोध भी किया जा रहा है।

इसके साथ ही कई विपक्ष नेता दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी साथ ही कई नेता इसका विरोध कर रहें हैं। इस अधिनियम को लेकर मुस्लिम समुदाय का कहना है कि जब नागरिकता देनी है तो मुस्लिम लोगों को क्यों शामिल नहीं किया गया है और धर्म के नाम पर क्यों नागरिकता मिल रही हैं। जिसको लेकर सरकार का कहना है कि पाकिस्तान, बागलादेश और अफगानिस्तान इस्लामिक देश है और यहां पर गैर मुस्लिमो को धर्म के आधार पर सताया जाता है, प्रताड़ित किया जाता है।

उनका धर्म बदलकर उनके साथ बलात्कार किया जाता है। जिससे कारण गैर मुस्लिम लोग वहां से भागकर भारत आए है। इसलिए गैर मुस्लिम लोगों को इसमें शामिल कर दिया गया है। बता दें कि नागरिकता संशोधन अधिनियम एक ऐसा कानून है, जिसके तहत दिसंबर 2014 से पहले जिन तीन पड़ोसी देश जैसे पाकिस्तान, बागलदेश और अफगानिस्तान से भारत आए 6 धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय जिसमें हिंदू, बौद्ध, सिख, पारसी, जैन और ईसाई लोग शामिल है उन्हें ही भारत को नागरिकता दी जाएगी।