प्रोन पॉश्चर (prone posture) क्या है, कोरोना संक्रमितों के लिये क्यों है जरूरी

18 मई 2021 कोरोना वायरस से संक्रमित कई रोगियों में ऑक्सीजन का स्तर कम होने की शिकायत होती है और ऐसे में डॉक्टर प्रोन पॉश्चर…

What is prone posture, why is it important

18 मई 2021

कोरोना वायरस से संक्रमित कई रोगियों में ऑक्सीजन का स्तर कम होने की शिकायत होती है और ऐसे में डॉक्टर प्रोन पॉश्चर (prone posture) की सलाह देते है। प्रोन पॉश्चर क्या है और यह किस तरह से सहायक सिद्ध हो सकता है। प्रोन पॉश्चर क्या कैसे किया जाता है इसके बारे में जानते है।

क्या प्रोन पॉश्चर बढ़ाता है आक्सीजन की मात्रा

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के श्वसन रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत का कहना है कि कोविड के उन मरीजों जिनमें ऑक्सीजन का स्तर 94 से नीचे जा रहा है तो ऐसी स्थिति में उनके लिये प्रोन पॉश्चर लाभदायक होता है। और इससे व्यक्ति के शरीर में 5 से 10 प्रतिशत तक ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है।

कैसे करें प्रोन पॉश्चर

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के श्वसन रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत बताते हैं कि एक प्रमुख चीज पर ध्यान देना जरूरी है कि जो मरीज पेट के बल लेटा है, वह आरामदायक महसूस कर रहा है या नहीं। कहा कि इतना ध्यान रखें कि मरीज के उल्टा लेटने के समय उसके चेहरे के नीचे कोई सख्त तकिया न हो। और एक ठीक तरह एक नरम तकिया मरीज की कमर के नीचे और एक तकिया उसके पैरों के नीचे लगाना होगा।

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कोविड रोगियों को प्रोन पॉश्चर से मिलेगा आराम

इसके बाद आप पाएंगे कि मरीज के सीने की जगह और कमर का हिस्से पर कोई दबाव नहीं रहेगा और दोनों हिस्सों से खुले रूप से उसे सांस लेने में भी पहले से ज्यादा आसानी महसूस होगी। दरअसल, ऐसी मुद्रा में फेफड़े पूरी तरह से फूल पाते हैं और अपने अंदर पहले से ज्यादा ऑक्सीजन ले जाने का काम करने लगते हैं।

फेफड़े के बंद हिस्से भी करने लगते हैं काम

डॉ. सूर्यकांत का कहना है कि फेफड़े जब इस तरह से स्वतंत्र तरीके से काम करने लगते हैं तो फेफड़ों का वह हिस्सा जो ऑक्सीजन के आदान-प्रदान में पहले काम नहीं कर रहा था, वो भी काम करना शुरू कर देता है। इस तरह से शरीर में पांच से दस प्रतिशत ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है और चिंता दूर हो जाती है।

उल्टा लेटने पर दिक्कत होने पर ये करे उपाय

यदि मरीज को पेट के बल लेटने में दिक्कत है तो दाएं और बाएं करवट भी लेटा जा सकता ​​​है। इससे भी शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है। सीधे लेटते हैं तो ऑक्सीजन का प्रवाह थोड़ा कम हो जाता है।

इन बातों पर दे ध्यान
-गर्भावस्था की स्थिति ना करें में प्रोन पॉश्चर।
पेल्विक फ्रैक्चर वाले रोगियों को भी प्रोन पॉश्चर न करने की सलाह दी गई है।
प्रोन पॉश्चर करने का सही तरीका जानने के बाद प्रोन पॉश्चर सही तरीके से सीखने के बाद ही उसे करें।

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