आजादी के आंदोलन में जेल गए, पर आश्रितों को नहीं मिली मदद

आजादी के आंदोलन

Went to jail in freedom movement, but dependents did not get help आजादी के आंदोलन

पिथौरागढ़ सहयोगी, 01 सितंबर 2020— जिले में मुवानी कस्बे के मलाकोट निवासी शमशेर राम के पिता स्वर्गीय प्रेम राम का नाम स्वाधीनता संग्राम सेनानी में शामिल नहीं हो सका, जबकि आंदोलन के चलते उन्हें जेल हुई। इस संबंध में शासन-प्रशासन को पत्राचार के बाद भी अब तक कोई मदद नहीं मिल पाई। अब जिलाधिकारी को पत्र भेजकर कार्यवाही की मांग की गई है। (आजादी के आंदोलन)


स्वर्गीय प्रेम राम का नाम स्वाधीनता संग्राम सेनानी में शामिल नहीं हो सका है, जबकि स्वतन्त्रता आन्दोलन के दौरान उन्होंने आठ माह के कठोर कारावास की सजा भुगती। उन्हें आन्दोलन के दौरान सत्यमेव जयते संग्राम मैडल तथा अन्य मैडल, साटिफिकेट मिले जिनको उनके पुत्र शमशेर ने संभालकर रखा है।(आजादी के आंदोलन)

शमशेर राम के अनुसार सेनानी का 25 जून 1965 को निधन हो गया था। वहीं 15 अगस्त 1972 को तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी की ओर से एक पत्र आया, जिसमें प्रेम राम को ताम्र पत्र लेने के लिए बुलाया गया था। मगर प्रेम राम का निधन होने और पत्नी को जानकारी न होने से परिवार के सदस्य पत्र लेने नहीं जा सके। प्रेम राम की पत्नी गोविन्दी देवी भी पेंशन व अन्य सुविधा मिलने के इन्तजार में 10 अक्टूबर 1988 को चल बसीं। शासन प्रशासन को लगातार पत्राचार करने के बाद भी पुत्र को अब तक सेनानी आश्रित के तौर पर कोई मदद नहीं मिली है। अब जिलाअधिकारी को पत्र लिखकर उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है।(आजादी के आंदोलन)