शाबास गुड़िया— बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओं अभियान के लिए चौबटिया की उज्ज्वला ने की लेह लद्दाख की दुर्गम यात्रा

रानीखेत सहयोगी। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ व महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने को लेकर बाईक से लेह-लद्दाख की दुर्गम यात्रा पर निकली…

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रानीखेत सहयोगी। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ व महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने को लेकर बाईक से लेह-लद्दाख की दुर्गम यात्रा पर निकली रानीखेत चौबटिया निवासी एमबीए की छात्रा उज्जवला सती ने यात्रा पुरी कर मिशाल पेश की है। महिला ग्रुप ‘हिमालयन आईबेक्स’ के 8 सदस्य दल में शामिल उज्जृवला ने दुनिया के सबसे ऊंचे मोटरेबल दर्रे खारदुंगला को भी पार किया विगत 8 जून को दिल्ली से यात्रा शुरू कर वापस दिल्ली 21 जून को पहुंची 14 दिवशीय यात्रा के दौरान 3 हजार किलोमीटर की यात्रा पूरी की जिसमें पांच सदस्य बाइक से 3 सदस्य एक वाहन में सवार थे।

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चौबटिया निवासी एमबीए की छात्रा उज्ज्वला सती पुत्री जगदीश चंद्र सती (व्यवसायी) ने बाइक द्वारा लेह लद्दाख कि लम्बी यात्रा व हिमालय की ऊँची चोटियों के समीप पहुंचने तथा ऊँचे बर्फीले दर्रों से गुजरने को लेकर संजोये सपने पूरे किये । दल सदस्य दिल्ली से यात्रा शुरू कर श्रीनगर से ज़ोजिला पास (3528मीटर), द्रास और कारगिल होते हुए लेह पहुंचे। वहां से संसार का सबसे ऊँचा मोटोरेबल खारदुंगला पास जो (18,380फिट) कि ऊंचाई में है उसे पार किया। फिर पैंगोंग त्सो लेक जो (4,350मीटर) कि ऊंचाई में स्तिथ है वहाँ भी पहुंचे। वहाँ से बरालाचला पास भी गए जो कि 14,680 फिट कि ऊंचाई पर है। चौबटिया पहुंच कर उज्ज्वला ने बताया कि टीम का नेतृत्व चार बार की विश्व रिकॉर्ड धारी पल्लवी फ़ौज़दार ने किया और इस महिला ग्रुप हिमालयन आईबेक्स का मुख्य उद्देश्य था नारी शक्ति कि पहचान बढ़ाना व समाज में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का सन्देश देना था। उज्ज्वला का कहना है कि बचपन से ही उन्हें बाइकिंग का शौक था, पहले वह अपने पिता का स्कूटर चलाती थी। बाद में इसी शौक का पूरा करने के लिए उन्होंने बाइक खरीदी।