राधारानी की शादी कृष्ण से हुई या रायण से , आपस में लड़ रहें प्रेमानंद महाराज और पंडित प्रदीप मिश्रा

राधा रानी की शादी को लेकर श्रीजी के भक्त प्रेमानंद महाराज और कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की आपस में लड़ाई हो गई है। एक…

n61720777817183301623370e043643f3db61184f9307c1f0f39565439d0c23b593a6fc5156363e6dcda14b

राधा रानी की शादी को लेकर श्रीजी के भक्त प्रेमानंद महाराज और कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की आपस में लड़ाई हो गई है। एक कथा के दौरान प्रदीप मिश्रा ने राधारानी को लेकर पूछे गये एक सवाल के जवाब में ऐसा कुछ कह दिया जिसको लेकर प्रेमानंद महाराज भड़क गये। उन्होंने तो नरक में जाने तक का श्राप दे दिया।

जिसके बाद अब प्रदीप मिश्रा अब ब्रजवासियों से माफी मांग रहे हैं लेकिन राधारानी को लेकर कही गई बात पर अडिग हैं।बता दें कि भगवान कृष्ण और राधारानी को प्रेम का पर्याय माना जाता है, लेकिन कृष्ण के वृंदावन से जाने के बाद दोनों के मिलन और विवाह को लेकर अलग अलग धारणाएं हैं। ब्रह्मा वैवर्तपुराण के अनुसार भगवान शंकर ने राधारानी के विवाह के बारे में कथा सुनाते हुए बताया कि राधारानी की शादी रायाण से हुई थी।

उन्होंने बताया कि बारह वर्ष बीतने पर राधारानी के यौवन में प्रवेश करते देख उनके माता-पिता ने रायाण वैश्य के साथ उनका विवाह तय कर दिया। राधाजी यह सुनकर अपनी जगह अपनी छाया को अपने घर में स्थापित करके स्वयं अंतर्ध्यान हो गईं। उस छाया संग रायाण का विवाह हुआ था । इसका अर्थ यह है कि जिस राधा जी का विवाह रायाण के साथ हुआ था वह राधा जी की छाया थी।भगवान कृष्ण की माता यशोदा के सहोदर भाई हैं रायाण जो गोलोक में कृष्ण के अंश और उनके मामा हैं।

रायाण जी संसारी संबंध से कृष्ण के मामा लगते हैं।रायाण जी वास्तव में गोलोक में कृष्ण के अंश हैं। इस तरह राधाजी की छाया का विवाह भी कृष्ण की छाया संग हुआ। ब्रह्म वैवर्तपुराण के अनुसारवृन्दावन नामक पवित्र वन में जगत के रचयिता ब्रह्मा जी ने श्रीकृष्ण के साथ श्री राधा का विधिपूर्वक विवाह संपन्न करवाया था।