राजकीय इंटर कालेज गणनाथ में जंगल बचाओ-कोसी बचाओ पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

अल्मोड़ा। कोसी नदी और उसे जलापूर्ति करने वाले गाड़, गधेरों और धारों को संरक्षित एवं संवर्धित करने, कोसी नदी पुनर्जीवन अभियान को जन अभियान बनाने…

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अल्मोड़ा। कोसी नदी और उसे जलापूर्ति करने वाले गाड़, गधेरों और धारों को संरक्षित एवं संवर्धित करने, कोसी नदी पुनर्जीवन अभियान को जन अभियान बनाने तथा स्थानीय स्तर पर जंगलों एवं जल स्त्रोतों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु टीम गठित करने के जिलाधिकारी अल्मोड़ा द्वारा दिये गये दिशानिर्देशों के क्रम में राजकीय इंटर कालेज गणनाथ में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत में गजेन्द्र कुमार पाठक, फार्मेसिस्ट स्वास्थ्य उपकेन्द्र सूरी द्वारा पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से कोसी नदी और उसे जलापूर्ति करने वाले गाड़ गधेरों और धारों में पानी के स्तर में पिछले चालीस सालों में आये अंतर को स्पष्ट करते हुए बताया कि कोसी नदी और उसे जलापूर्ति करने वाले गाड़ गधेरों और धारों में सन् 1980 तक इतना अधिक पानी हुआ करता था कि प्रत्येक गाड़,गधेरे में दर्जनों पनचक्कियां चला करतीं थी मगर आज गर्मियों में पीने को भी पानी नहीं मिल रहा है।

पानी के स्तर में आयी इस कमी का मुख्य कारण मिश्रित जंगलों की जगह चीड़ के एकल प्रजाति के जंगलों का आना तथा जंगलों में हर साल होने वाली आग की घटनाएं हैं। इसके अलावा वैश्विक तापवृद्धि से उत्पन्न जलवायु परिवर्तन के कारण शीतकालीन वर्षा और बर्फबारी में उल्लेखनीय कमी ने जल स्त्रोतों में जल स्तर घटाने में योगदान दिया है।

कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थियों, जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया गया कि जंगलों को अनियंत्रित और अवैज्ञानिक दोहन से बचाने तथा जंगलों की आग की रोकथाम में वन विभाग को सहयोग कर सूखते जल स्त्रोतों और जैव विविधता को बचाया जा सकता है। सभी विद्यार्थियों को जंगल का दोस्त बनने हेतु प्रेरित किया गया।

कार्यक्रम में शामिल सरपंच दिनेश लोहनी ने सभी लोगों से जंगलों को आग और नुकसान से बचाने हेतु आगे आने का आह्वान किया ताकि भावी जल संकट को रोका जा सके। नवीन चंद्र आर्या ने जागरूकता कार्यक्रम को कोसी नदी पुनर्जीवन अभियान को जन अभियान बनाने की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए इस तरह के कार्यक्रम ग्राम सभा स्तर पर आयोजित किए जाने पर जोर दिया।कार्यवाहक प्रधानाचार्य सरोज कुमार ने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि जंगलों की मानव जीवन में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए हमें अपने जंगलों का संरक्षण और संवर्धन करना चाहिए।