नौला फाउंडेशन के आह्वान पर उठी आवाज, खीरगंगा को बनाएंगे सदानीरा

Voice raised on the call of Naula Foundation, Sadanira will make Kheerganga नौला फाउंडेशन अल्मोड़ा, 10 सितंबर 2020- विश्व हिमालय दिवस के मौके पर नौला…

नौला फाउंडेशन के आह्वान पर उठी आवाज, खीरगंगा को बनाएंगे सदानीरा

Voice raised on the call of Naula Foundation, Sadanira will make Kheerganga नौला फाउंडेशन

नौला फाउंडेशन के आह्वान पर उठी आवाज, खीरगंगा को बनाएंगे सदानीरा

अल्मोड़ा, 10 सितंबर 2020- विश्व हिमालय दिवस के मौके पर नौला फाउंडेशन की ओर से कुमाऊं की सांस्कृतिक नगरी द्वाराहाट में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया|
ग्राम विजयपुर तथा धनखलगांव के समीप खीरगंगा नदी के उदगम स्थल में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें सभी ने एक स्वर में खीरगंगा नदी को बचाने का संकल्प लिया| इस मौके पर वक्ताओं ने जंगलों के संरक्षण के लिए एएनआर पद्धति को बढ़ावा देने का आह्वान किया जिसे लोगों की स्वीकार्यता भी मिली|

नौला फाउंडेशन के आह्वान पर उठी आवाज, खीरगंगा को बनाएंगे सदानीरा

इस मौके पर धनखलगांव के प्रधान योगेश भट्ट ने संपूर्ण कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग दिया।कार्यक्रम की शुरुआत में खीरगंगा के उदगम स्थल पर साफ सफाई और जल स्रोतों की पूजा अर्चना के साथ हुई इसमें दोनों गांवों की महिलाओं ने पूरे उत्साह के साथ भागीदारी की।

नौला फाउंडेशन के आह्वान पर उठी आवाज, खीरगंगा को बनाएंगे सदानीरा

पूजा अर्चना कार्यक्रम के बाद धनखलगांव के मंदिर में विचार गोष्ठी और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमेंं महिला सशक्तिकरण की प्रतीक भंतोरा की सरपंच कमला कैडा़,स्वच्छता अभियान में अलग मुकाम बना चुके कंटरमैन जेपी तिवारी ,स्याहीदेवी शीतलाखेत के पर्यावरण कार्यकर्ता गजेंद्र कुमार पाठक ,द्वाराहाट विकासखंड की ज्येष्ठ प्रमुख नंदिनी भट्ट सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश भट्ट , अनिल शाही भूपेन्द्र सिंह,गणेश बनेशी भूपेन्द्र बिषट, महेंद्र बनेशी, गणेश कठायत, नारायण रावत, ललित बिष्ट,धनखलगांव और विजयपुर गांवों की महिलाओं तथा युवाओं ने भागीदारी की।
वक्ताओं ने हिमालय की पहचान मिश्रित जंगलों के अनियंत्रित और अवैज्ञानिक दोहन ,जंगलों की आग से जल स्रोतों ,जैवविविधता तथा पर्यावरण को हो रहे नुकसान पर दुख व्यक्त करते हुए ग्रामीणों की जंगलों पर निर्भरता समाप्त करने की वकालत की।महिलाओं का आह्वान किया गया कि जंगलों को नुकसान और वनाग्नि से बचाने की अपील की गई। एएनआर पद्धति से जंगलों के संरक्षण और संवर्धन की वकालत की गई।
कार्यक्रम की समाप्ति जंगल भी बचायेंगे-पानी भी बचायेंगे, खीरगंगा को बचायेंगे -द्वाराहाट को सजायेंगे के नारों के साथ हुआ।

नौला फाउंडेशन के आह्वान पर उठी आवाज, खीरगंगा को बनाएंगे सदानीरा

तय किया गया कि दूनागिरी और कुकुछीना के जंगलों से निकलने वाली खीरोगाड़ तथा गगास नदियों को संरक्षित, संवर्धित करने के लिए समय समय पर पूरे जलागम क्षेत्र में कार्यक्रम चलाए जायेंगे जिसमें सभी क्षेत्रवासियों विशेषकर महिलाओं का महत्वपूर्ण सहयोग लिया जायेगा।

नौला फाउंडेशन के आह्वान पर उठी आवाज, खीरगंगा को बनाएंगे सदानीरा