vivekanand parvatiya krishi anusandhan sansthan
अल्मोड़ा, 05 जुलाई 2022- सोमवार 4 जुलाई को भाकृअनुप- विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का 99वाँ स्थापना दिवस संस्थान के अल्मोड़ा स्थित सभागार में धूम-धाम से मनाया गया। सर्वप्रथम मुख्य अतिथि के साथ कुंदन हाउस स्थित पूजागृह में पूजा अर्चना की गयी।
तत्पचात् स्वमी विवेकानन्द की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया। मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों द्वारा लगाये गये स्टाल का भ्रमण किया गया। इसके पश्चात् मुख्य कार्यक्रम का शुभारंभ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद गीत एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा. आोक कुमार सिंह, निदेशक एवं कुलपति, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान एवं सम विवविद्यालय, नई दिल्ली द्वारा इस अवसर पर द्वितीय पदम भूषण प्रो0 बोसी सेन स्मारक व्याख्यान दिया गया। उन्होंने प्रो0 बोसी सेन के योगदान पर बोलते हुये संस्थान की स्थापना हेतु उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हमारा देा आत्मनिर्भर बनने में सक्षम हुआ है और खाद्य फसलों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता आई है। फलस्वरूप देश खाद्य फसलों का निर्यात करने में भी सक्षम हुआ है, परन्तु वर्तमान में तिलहन एवं दलहन फसलों की उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाने की अत्यन्त आवयकता है। विदेशी मुद्रा अर्जित करने हेतु विभिन्न देशों से आयात को कम करने पर अपने विचार रखे। उनके द्वारा त्वरित प्रजनन एवं जीनोम संपादन पर विस्तृत जानकारी दी गयी।
सभा को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज तक देश में कुल 87 जैवसुदृढ़ीकृत किस्मों का विमोचन किया जा चुका है। उन्होंने कृषि के क्षेत्र में ड्रोन के प्रयोग की संभावना पर कार्य करने पर बल दिया।
इस कार्यक्रम तथा रामकृष्ण कुटीर, अल्मोड़ा के अध्यक्ष स्वामी ध्रुवेशानन्द ने प्रो. बोसी सेन का स्मरण करते हुए प्राचीन काल में कृषि एवं खाद्य सुरक्षा पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि देश के कृषि वैज्ञानिकों के शोध के फलस्वरूप आज हम सभी देशवासियों को अन्न उपलब्ध कराने में सक्षम हुए हैं।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एवं नगरपालिकाध्यक्ष प्रकाश जोशी ने कहा कि संस्थान निरन्तर उन्नति कर रहा है जिसका श्रेय संस्थान के समस्त वैज्ञानिक एवं कर्मचारियों के परिश्रम एवं लगन को जाता है जिसके फलस्वरूप प्रो. सेन द्वारा स्थापित प्रयोगााला एक अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति का संस्थान बन रहा है। कृषि के क्षेत्रा में एक उम्मीद बढ़ाने वाला परिवर्तन हुआ है।
अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा एक तकनीकी बुलेटिन, 2 प्रसार प्रपत्रों का विमोचन तथा संस्थान द्वारा विकसित प्रजातियों नामतः वीएल क्यूपीएम संकर 45, एवं वी एल धान 69 का लोकार्पण किया गया। संस्थान में कार्यरत सहायक मुख्य तकनीकी अधिकारी डाॅ. जी. एस. बिष्ट, लैब टैक्नीशियन वरूण सुप्याल, तकनीकी सहायक केशव नौटियाल, तकनीशियन देवेन्द्र सिंह कार्की तथा कुशल सहायक मन्तराज को उनके उत्कृष्ट कार्य हेतु निदेशक प्राश्स्ति पुरस्कार द्वारा सम्मानित किया गया। साथ ही इस वर्ष एवं आगामी वर्ष में सेवानिवृत्त हो रहे कार्मिकों कैलाश सिंह, प्रमोद कुमार चौधरी एवं श्री रमेश सिंह कनवाल को संस्थान सम्मान प्रदत्त किया गया। समारोह के दौरान प्रगतिशील कृषकों जगमोहन सिंह राणा, कुन्दन सिंह बिष्ट, विजय कुमार, चन्द्रोखर जोशी एवं हरीश सिंह को भी सम्मानित किया गया। संस्थान के कर्मचारियों के मेधावी बच्चों को पुरस्कृत किया गया। इस अवसर संस्थान के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
स्थापना दिवस कार्यक्रम का संचालन वैज्ञानिक डा0 कुशाग्रा जोशी द्वारा किया गया तथा धन्यवाद प्रस्ताव प्रभागाध्यक्ष, फसल उत्पादन विभाग डाॅ0 जेके बिष्ट द्वारा प्रस्तुत किया ।
समारोह का समापन आम की दावत के साथ सम्पन्न हुआ।