विवेकानंद के शिकागो सम्मेलन में दिए गए भाषण आज भी प्रासंगिक, एसएसजे परिसर में आयोजित हुआ कार्यक्रम

वक्ताओं ने हर पहलू पर रखे अपने विचार अल्मोड़ा। विवेकानन्द द्वारा शिकागो सम्मेलन में वर्ष 1983 में दिए गए ऐतिहासिक भाषण की 125वीं वर्षगांठ पर…

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वक्ताओं ने हर पहलू पर रखे अपने विचार

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अल्मोड़ा। विवेकानन्द द्वारा शिकागो सम्मेलन में वर्ष 1983 में दिए गए ऐतिहासिक भाषण की 125वीं वर्षगांठ पर एक कार्यक्रम एस0एस0जे0 परिसर के गणित सभागार के में आयोजित किया गया। रामकृृष्ण कुटीर अल्मोड़ा एवं छात्र संघ एस0एस0जे0परिसर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में शिकागो भाषण का हमारे देश एवं संस्कृति पर प्रभाव के बारे में उपस्थित लोगांे को बताया गया। बतौर मुख्य वक्ता के रूप में सचिव रामकृष्ण मिशन कानपुर स्वामी आत्मश्रद्धानंद ने अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि शिकागो भाषण का पुरे विश्व के मानवीय समाज पर गहरा प्रभाव पड़ा। स्वामी विवेकानंद के भाषण से पश्चिम देशों में उनके प्रति एक अति विशिष्ट व्यक्ति के रूप में सम्मान का भाव पैदा हो गया था। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद का अल्मोड़ा से भी विशेष जुडाव रहा है उन्होंने अपना अन्तिम भाषण अल्मोड़ा में दिया था। आधुनिक भारत निर्माताओं के रूप में उनका गौरव पूर्ण स्थान है। स्वामी आत्मश्रद्धानंद ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द के भाषणों से प्रभावित होकर अमेरिका के 100 शहरों में वर्तमान में कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है। इस दौरान उन्होंने विवेकानंद के जीवन से सम्बन्धित विभिन्न पहुलओ ंपर विस्तार पूर्वक बताया।

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कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने नितिन सिंह भदौरिया ने कहा कि स्वामी विवेकानंद युवाओं के लिये एक प्रेरणा स्त्रोत है। उन्होंने कहा कि स्वामी जी ने हमेशा कठिन परिश्रम एवं दृृढ़ इच्छाशक्ति के बूते अपनी एक अलग पहचान बनायी है। युवाओं को स्वामी जी के व्यक्तित्व से सीख लेने की जरूरत है। जिलाधिकारी ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुये कहा कि कार्य के प्रति सच्ची लगन व कठोर परिश्रम से ही अपने लक्ष्य तक पहुॅचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमें ऊॅचे सपने देखने चाहिये और उन्हें पूरा करने के लिये कठिन परिश्रम करना चाहिये।
इस दौरान अध्यक्ष रामकृृष्ण कुटीर स्वामी सोमदेवानंद ने कहा कि स्वामी विवेकानंद युवाओं के एक प्रेरणा स्त्रोत एवं आत्म विश्वास से परिपूर्ण व्यक्ति थे। उनकी नेतृत्व करने की क्षमता निस्वार्थ भाव से कार्य करने की ललक आज भी प्रासंगिक है। लोक कल्याण हेतु उन्होंने अनेक कार्यक्रम में प्रतिभाग कर मानव जाति को अलग दिशा दिखायी। कार्यक्रम में डा0 दीवा भट््ट ने कहा कि स्त्रियों की दशा को सुधारने हेतु स्वामी विवेकानन्द जी ने उत्कृष्ट कार्य किया। इस अवसर पर डा0 नीरज तिवारी, डा0 विजय पाण्डे, डा0 प्रवीन बिष्ट, ललित योगी आदि वक्ताआंे ने अपने-अपने विचार रखते हुये कहा कि स्वामी विवेकानंद उच्च आर्दशों से प्रेरित थे उनके जीवन तथा सन्देश से प्रेरित होकर भारतीय युवा स्वदेश एवं पुर्नरूत्थान हेतु कार्य कर सकेंगे। अध्यक्ष छात्र संघ राजन जोशी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस कार्यक्रम मंे डिप्टी कलैक्ट्रर अभय प्रताप सिंह, छात्र संघ उपाध्यक्ष पुष्कर सिंह, छात्रा उपाध्यक्ष अंजली बिष्ट, विश्वविद्यालय प्रतिनिधि अर्जुन कुमार सहित अन्य छात्र-छात्रायें उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का संचालन दीपक पाण्डे ने किया।