वायरल सच : आखिर क्या है बिजली के बिल के बारे में सोशल मीडिया में वायरल मैटर का सच

उत्तरा न्यूज  डेस्क  सोशल मीडिया में एक अरसे से उत्तराखण्ड मे उत्तराखण्ड पावर कार्पोरेशन द्वारा दो महीने का बिल दिये जाने को लेकर एक मैसेज…

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उत्तरा न्यूज  डेस्क 

सोशल मीडिया में एक अरसे से उत्तराखण्ड मे उत्तराखण्ड पावर कार्पोरेशन द्वारा दो महीने का बिल दिये जाने को लेकर एक मैसेज वायरल होने के बाद अब राज्य में विद्युत नियामक आयोग ने इस पर स्थित साफ की है। प्रेस को जारी एक सूचना में उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग ने कहा कि है पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया (खासतौर से व्हाट्सअप) पर एक मैसेज वायरल हो रहा है। इस मैसेज में उत्तराखंड पावर कारपोरेशन द्वारा घरेलू उपभोक्ताओं को दो महीने में बिल दिये जाने का जिक्र करते हुए प्रतिमाह बिल दिये जाने की मांग की गयी है, वायरल मैसेज के अनुसार इससे उपभोक्ताओं को नुकसान उठाना पड़ता है और उन्हें बिजली की अधिक कीमत चुकानी पड़ती है, वायरल मैसेज के अनुसार एक माह में बिल आने पर कम बिल देना होगा ।

आज उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने आज एक सार्वजनिक सूचना जारी कर स्पष्ट किया है कि भले ही घरेलू उपभोक्ताओं को दो माह में बिल दिए जाता रहा हैं, लेकिन यूपीसीएल द्वारा उनकी दरें प्रतिमाह के आधार पर ही ली जा रही है। आयोग ने उपभोक्ताओं से कहा है कि किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान दिए बिना स्वयं इसकी गणना कर लें।

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सोशल मीडिया में वायरल हो रहे संदेश के बाद उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग का पत्र

उत्तरा न्यूज सभी पाठकों से अपील करता है कि सोशल मीडिया पर किसी भी पोस्ट को पोस्ट करने से पहले इसकी सत्यता की जांच कर ले। इस संबध में  छोटी सी गलती किसी की जिंदगी की मुसीबत का कारण बन सकती है।