अपनी रियल और रील दोनों माताओं के बारे में विनीत कुमार चौधरी की खास बातचीत

शेमारू टीवी के लोकप्रिय पौराणिक शो ‘कर्माधिकारी शनिदेव’ दर्शकों के बीच बहुत पसंद किया गया। खासकर शनिदेव और उनकी माता छाया के बीच के बंधन…

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शेमारू टीवी के लोकप्रिय पौराणिक शो ‘कर्माधिकारी शनिदेव’ दर्शकों के बीच बहुत पसंद किया गया। खासकर शनिदेव और उनकी माता छाया के बीच के बंधन से न सिर्फ दर्शक बल्कि उनके भक्तों ने भी बहुत कुछ सीखा और अब जब मदर्स डे करीब है ऐसे दर्शक अपने चहेते कलाकार विनीत कुमार चौधरी की रियल और रील दोनों माताओं के बारे में उनके विचार जानने के लिए उत्सुक हैं। शनिदेव के किरदार में प्रसिद्ध विनीत कुमार चौधरी से हुई खास बातचीत में उन्होंने अपनी इन दोनों माताओं के लिए अपनी भावनाएँ और विचार साझा किए।

विनीत कुमार चौधरी कहते हैं, “माँ हर किसी के जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है और जैसे ही ‘मदर्स डे’ नजदीक आता है, मैं अपनी माँ के प्रति अपना प्यार व्यक्त करने के इस अवसर का पूरा लाभ उठाता हूँ। बचपन से ही मेरी माँ के साथ मेरा गहरा रिश्ता रहा है और वे वर्षों से मेरी ताकत और समर्थन का एक मजबूत स्तंभ रही हैं। सभी माताओं में एक सहज सरलता होती है, जिसकी गूँज युगों-युगों से हमारी हिंदू पौराणिक कथाओं में सुनाई देती है। शनिदेव और उनकी माता के रिश्ते के बारे में मुझे अभी-भी बहुत कम ज्ञान है, लेकिन अपने किरदार के माध्यम से मैं उनके रिश्ते के अज्ञात पहलुओं को समझने की कोशिश कर रहा हूँ।”

शो में प्रतिभाशाली अभिनेत्री सुहासी धामी द्वारा अभिनीत छाया का किरदार, शनिदेव के प्रति अपने प्रेम और बलिदान को खूबसूरती से दर्शाता है। इसी तरह, शनिदेव अपनी माँ को वह सम्मान दिलाने के लिए हर संभव प्रयास और संघर्ष करते हैं, जिसकी वे हकदार हैं। विनीत ने आगे कहा, “मैं अपनी माँ के साथ एक गहरा बंधन साझा करता हूँ, बिल्कुल शनिदेव और उनकी माँ की तरह। साथ ही, मैं अपनी माँ में छाया का प्रतिबिंब देखता हूँ। मेरी माँ का मेरे लिए त्याग करना और हमेशा मेरा समर्थन करना, बिल्कुल वैसे ही, जैसे शनिदेव की माँ छाया उनके लिए करती हैं। मुझे खुशी है कि मुझे ऐसा किरदार निभाने का मौका मिला, जो मेरे निजी जीवन में भी बहुत सकारात्मक प्रभाव डालता है।”

अपने अद्भुत चित्रण के साथ, विनीत कुमार चौधरी न केवल दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं, बल्कि ऑन-स्क्रीन और ऑफ-स्क्रीन, दोनों में एक माँ और बच्चे के बीच के गहरे बंधन का सम्मान भी करते हैं।