बिनसर अभ्यारण्य क्षेत्र में टाइगर की मौजूदगी की खबरों के बाद ग्रामीण दहशत में, वन विभाग के अधिकारियों से मुलाकात कर उठाई मांग

Villagers in panic after news of presence of Tiger in Binsar Sanctuary area, met Forest Department officials and raised demands अल्मोड़ा, 11 जून 2024— बिनसर…

Villagers of Binsar Sanctuary area

Villagers in panic after news of presence of Tiger in Binsar Sanctuary area, met Forest Department officials and raised demands

अल्मोड़ा, 11 जून 2024— बिनसर अभ्यारण्य क्षेत्र के गांवों में टाइगर की मौजूदगी की खबरों के बाद ग्रामीण दहशत में हैं। सभी ने एक स्वर में इस क्षेत्र में दिख रहे टाइगर को पकड़ने की मांग की है। साथ ही गांवों में स्वच्छंद रूप से घूम रहे तेंदुओ(लेपर्ड) को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने की मांग भी उठाई है।


संशाधन पंचायत संगठन ने बिनसर अभ्यारण्य से प्रभावित गांवों में जंगली जानवरों के बढ़ते आतंक से निजात दिलाने की मांग की है। आज डोटियाल गांव, भेटुली, सुनौली व कुमसाऊ गांव के संगठन से जुड़े ग्रामीणों ने रेंज कार्यालय बिनसर गेट पहुंचकर वन क्षेत्र अधिकारी मनोज सनवाल को समस्याओं से अवगत कराया तथा उन्हें प्रमुख वन संरक्षक तथा प्रभागीय बन अधिकारी को संबोधित ज्ञापन सौंपा ।


प्रमुख वन संरक्षक वन्य जीव उत्तराखंड को संबोधित ज्ञापन में बिनसर में दिखाई दे रहे टाइगर को पकड़ने की मांग की गई हैं, जबकि प्रभागीय वन अधिकारी को संबोधित ज्ञापन में सुअरों व बंदरों से फसल सुरक्षा के साथ ही गांव में स्वच्छंद घूम रहे तेंदुओं को पकड़ने हेतु पिंजरा लगाने की मांग की है
ज्ञापन में कहा है कि बिनसर में टाइगर की मौजूदगी की खबरों से ग्रामीण दहशत में है। अभ्यारण्य प्रशासन का मानना है कि संभवतया यह टाइगर कार्बेट टाइगर रिजर्व रामनगर से भटक कर यहां पहुंचा हैं, जबकि ग्रामीण इस बात को मानने को तैयार नहीं है| उन्हें आशंका है कि यह टाइगर बाहर से लाकर यहां छोड़ा गया है। अभ्यारण की सीमा के भीतर 9गांव व चक, 13 रिजॉर्ट एवं विश्रामगृह तथा 11 मंदिर स्थित हैं।

ऐसी स्थिति में इस अभयारण्य के प्रत्येक हिस्से में ग्रामीण एवं पर्यटकों की आवाजाही हमेशा बनी रहती हैं। बिनसर वन्य जीव बिहार में पहले से ही तेंदुओं का काफी आतंक है इधर कुछ समय से तेंदुओं का मूवमेंट गांव की तरफ बढ़ गया हैंं। ग्रामीणों को आशंका है कि जंगल में टाइगर के आगमन के चलते तेंदुए आबादी की तरफ आ रहे हैं। इससे ग्रामीण भय के साए में जीने को विवश हैं, बच्चों का विद्यालय जाना कठिन हो रहा है, महिलाएं खेत व जंगल से चारा लाने में स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रही हैं।


ज्ञापन देने वालों में संसाधन पंचायत से जुड़े रेखा नगरकोटी, तारा नगरकोटी, ईश्वर जोशी, गोविंदी देवी, प्रेमा देवी, देवकी देवी, रेवती देवी, सीमा देवी, नीमा नाखुशी, पुष्पा, पूरन सिह, हेमंत कुमार, चंदन सिंह, रमा देवी, हंसी, गीता, बसंती देवी, ममता देवी, लता रौतेला आदि उपस्थित थे