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बड़ी खबर: एसएसजे (ssj) में फर्जी सिग्नेचर मामले में छात्रसंघ उपाध्यक्ष व महासचिव ने दिया इस्तीफा (resigns), परिसर प्रशासन पर उठे कई सवाल

UTTRA NEWS DESK
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इस्तीफे (resigns) में एसएसजे (ssj) के पदाधिकारियों ने दी कानूनी कार्यवाही करने की चेतावनी

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अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना परिसर (ssj) में छात्र संघ अध्यक्ष द्वारा पदाधि​कारियों के फर्जी सिग्नेचर करने के मामले में छात्र संघ उपाध्यक्ष व महासचिव ने इस्तीफा (resigns) दे दिया है। दोनों पदाधिकारियों ने आज अपना इस्तीफा परिसर निदेशक को सौंप दिया है और जल्द ही कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। वहीं, फर्जी सिग्नेचर मामले में परिसर प्रशासन पर कई गंभीर सवाल उठने लगे है।

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गौरतलब है कि बीते 28 फरवरी को छात्रसंघ उपाध्यक्ष ​अरविंद सिंह बोहरा व महासचिव नवीन कनवाल ने परिसर​ निदेशक प्रो. जगत सिंह बिष्ट को सौंपे एक ज्ञापन में छात्र संघ अध्यक्ष (ssj) दीपक उप्रेती पर उनके फर्जी सिग्नेचर कर छात्र संघ भवन के लिए सरकारी धनराशि से सामान खरीदने का आरोप लगाया था।

पदाधिकारियों ने 3 दिन के भीतर कार्यवाही नहीं होने पर अपने पदों से इस्तीफा (resigns) देने व खुद काननूी कार्यवाही करने के लिए बाध्य होने की बात कही थी।

परिसर प्रशासन की ओर से निर्धारित समयसीमा में कोई कार्यवाही नहीं किए जाने पर नाराज छात्रसंघ उपाध्यक्ष ​अरविंद सिंह बोहरा व महासचिव नवीन कनवाल ने परिसर​ निदेशक प्रो. जगत सिंह बिष्ट को आज अपना इस्तीफा (resigns) सौंप दिया है। पदाधिकारियों ने छात्र संघ अध्यक्ष दीपक उप्रेती पर तानाशाही रूख अपनाने व परिसर निदेशक (ssj) पर पक्षपात करने के आरोप लगाए है।

इस्तीफे में पदाधिकारियों ने कहा कि परिसर में जिस तरह का माहौल बनाया जा रहा है ऐसे में अपने पदों पर रहकर छात्रों के लिए काम करना मुमकिन नहीं है। पदाधिकारियों ने कहा कि अपने आत्मसम्मान के लिए वह फर्जी सिग्नेचर मामले में कानूनी कार्यवाही करेंगे जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी परिसर प्रशासन की होगी।

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इधर परिसर निदेशक प्रो. जगत सिंह बिष्ट ने बताया कि इस्तीफा मंजूर करना या नहीं करना डीएसडब्ल्यू बोर्ड का कार्य है। ​उन्होंने दोनों इस्तीफे डीएसडब्ल्यू को प्रेषित कर दिए है। मामले में अधिष्ठाता छात्र कल्याण (डीएसडब्ल्यू) प्रो.केसी जोशी से पूछने पर उन्होंने बताया कि दोनों पदाधिकारियों के इस्तीफे (resigns) उन्हें प्राप्त हो गए है। बोर्ड सदस्यों के साथ बैठक कर मामले में अग्रिम निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि फर्जी सिग्नेचर मामले की जांच की जा रही है।

फर्जी सिग्नेचर मामले में परिसर प्रशासन भी घेरे में

अल्मोड़ा। छात्र संघ पदाधिकारियों की ओर से अध्यक्ष दीपक उप्रेती पर लगाये गए फर्जी सिग्नेचर के आरोप के बाद मामले में अब परिसर प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल खड़े होने लगे है।
दरअसल छात्र संघ अध्यक्ष उप्रेती द्वारा जनवरी माह में फर्जी सिग्नेचर वाला यह पत्र परिसर निदेशक प्रो.जगत सिंह बिष्ट को सौंपा गया था। जिस पर परिसर निदेशक (ssj) ने अनुरक्षण विभाग को कार्यवाही के आदेश किए थे।

अनुरक्षण विभाग ने निदेशक प्रो. बिष्ट के आदेश के बाद पत्र में की गई कुल 5 मांगों में से छात्र संघ भवन के दो कमरों के लिए करीब 25 हजार की नई मैट खरीद ली गई। इस बीच निदेशक से लेकर तमाम प्रशासनिक अधिकारियों व कर्मचारियों तक फर्जी सिग्नेचर वाला यह पत्र कार्यवाही के लिए पहुंचा लेकिन किसी को पत्र में फर्जी सिग्नेचर होने की भनक तक नहीं लगी।

ऐसे में सवाल खड़े हो रहे है कि क्या सच में परिसर प्रशासन को इस फर्जी सिग्नेचर वाले पत्र की जानकारी नहीं थी या फिर इस मामले के पीछे कहानी कुछ और है। इसके अलावा मात्र 2 कमरों के लिए करीब 25 हजार की धनराशि से खरीदी गई नई मैट की बात भी छात्रों के गले नहीं उतर रही है।

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