पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि कुलपति का काम शैक्षिक माहौल देखना है| उन्होंने कहा कि इस प्रकार का पत्र लिखने से पहले कुलपति को सोचना चाहिए था कि राज्य आंदोलन में कुविवि की क्या भूमिका रही है, आंदोलन में कुविवि का हर छात्र व शिक्षक शरीक रहा है ऐसे में कुलपति का राज्य का पुनर्गठन संबंधी पत्र लिखना निंदनीय है|उनको यह हक किसने दिया उन्होंने राज्य सरकार से इस प्रकार राज्यविरोधी बयान देने पर उन्हें तत्काल इस पद से हटाना चाहिए|
कुविवि के कुलपति का बयान दुर्भाग्यपूर्ण तत्काल कार्रवाई करे राज्य सरकार, राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने की मांग
अल्मोड़ा:- उत्तराखंड राज्य की पूर्णता के लिए यूपी के तीन जिलों को उत्तराखंड में मिलाने संबंधी कुविवि के कुलपति प्रो. केएस राऩा के प्रधानमंत्री को…