वैदिक जीवनचर्या पर योगनिलयम् (Yognilyam) ने शुरू किया शोध

vaidik jeewanchrya pr Yognilyam suru kiya shodh योगनिलयम (Yognilyam) (योग एवं वैदिक अध्ययन शोध संस्थान) द्वारा वर्तमान वैश्विक स्तर पर बढ़ते कोरोना वायरस , कोविड-19…

Yognilyam

vaidik jeewanchrya pr Yognilyam suru kiya shodh

योगनिलयम (Yognilyam) (योग एवं वैदिक अध्ययन शोध संस्थान) द्वारा वर्तमान वैश्विक स्तर पर बढ़ते कोरोना वायरस , कोविड-19 के उपचार हेतु नियमित योगाभ्यास ( आसन, प्राणायाम ध्यान ,षटक्रिया आदि) एवं वैदिक जीवनचर्या पर जोर देते हुए इस पर अनुसंधान कार्य भी प्रारंभ कर दिया है।

योगनिलयम (Yognilyam) शोध संस्थान के निदेशक डॉ प्रेम प्रकाश पांडे ने बताया कि पूरा विश्व इस समय संकट के बहुत बड़े दौर से गुजर रहा है आज विश्व के बड़े-बड़े व प्रभावशाली देशों अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, स्पेन आदि विकसित देशों व भारत तथा चीन आदि के साथ समूचे विश्व में कोरोना वायरस का व्यापक प्रभाव दिख रहा है।

इससे निपटने के लिए ब्रिटेन आदि देशों ने कोरोना वायरस से रोकथाम के लिए वैक्सीन का परीक्षण भी प्रारंभ कर दिया है , किंतु कोविड-19 वायरस को समझने की वैज्ञानिक जितनी कोशिश कर रहे हैं उतने रहस्य और गहराते जा रहे हैं।

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कई देशों में जांच में यह बात सामने आ रही है कि कोरोना मरीजों के उपचार के बाद भी संक्रमण का खतरा बना हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO के महानिदेशक का कहना है कि कोरोना वायरस वैक्सीन से भी खत्म नहीं होगा, किंतु संक्रमण की संभावना कम होगी तथा सामान्य फ्लू की तरह हर साल इसके संक्रमण के मामले सामने आते रहेंगे ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस महामारी से बचाव के लिए संकल्प और संयम दोनों ही बातों का उल्लेख किया है । ऐसे समय में योगनिलयम (Yognilyam) शोध संस्थान के विद्यार्थियों द्वारा संस्थान के निदेशक डॉ0 प्रेम प्रकाश पांडे के निर्देशन में covid- 19 के उपचार हेतु आयुष मंत्रालय द्वारा जारी दिशा- निर्देशों के अनुपालन में “नियमित यौगिक अभ्यास एवं वैदिक जीवनचर्या कोविड-19 के संभावित उपचार के रूप ” (Yogic Practices and Vedic Lifestyle as potential Adjunctive treatment of COVID-19) विषय पर अपना शोध कार्य प्रारंभ कर दिया है।

वैदिक जीवनचर्या पर योगनिलयम् (Yognilyam) पर शोध को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय शोध जर्नल्स में प्रकाशित किया जाएगा , जिससे समस्त विश्व भारत के इस ज्ञान से लाभान्वित होकर इस महामारी से बचाव कर सकें ।

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संस्थान के विद्यार्थियों द्वारा अनुसंधान कार्य प्रारंभ करने पर सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र सिंह भंडारी , नरेश कुमार विकल, संस्थान के संरक्षक प्रो0 नीरज तिवारी , प्रो0 जगत सिंह बिष्ट, प्रो0 प्रवीण बिष्ट, प्रो0 बी0 डी0 एस0 नेगी, प्रो0 एन0 डी0 कांडपाल,प्रो0 हरीश जोशी, डॉ0 देवेंद्र बिष्ट, डॉ0 नन्दन बिष्ट, डॉ0 बच्चन लाल, प्रदेश अध्यक्ष-भारतीय जनता युवा मोर्चा कुंदन लटवाल, डॉ0 महेंद्र मेहरा(मधु), संयोजक दीपक पांडेय आदि ने शुभकामनाएं प्रेषित की हैं।

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