तो कई पर विचार विमर्श किया गया.
अन्य निर्णय में वैट के पुराने मामलों की सुनवाई के लिए तीन महीने का बढ़ाकर जनवरी 2020 से बढ़ाकर मार्च 2020 किया गया.
ऋषिकेश आई.डी.पी.एल. स्थित 833 एकड़ भूमि की लीज मार्च में खत्म, केंद्र इस जमीन को राज्य को वापस करेगा . 200 एकड़ जमीन ऋषिकेश एम्स को मिलेगी बाकी पर्यटन के पास रहेगी. समस्त भूमि सर्वप्रथम वन विभाग के अधीन की जाएगी जिसे बाद में पर्यटन विभाग को दिया जाएगा.
इसके अलावा खनिज नियमावली के अवैध भंडारण के मामलों में सुनवाई का अधिकार डीएम के बजाए एडीएम को देने का निर्णय लिया गया.
एक अन्य निर्णय के तहत सेवा का अधिकार का वर्ष 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 वार्षिक प्रतिवेदन विधानसभा में प्रस्तुत करने को सहमति दी गई.
एक अन्य निर्णय में एनएच चौड़ीकरण में सड़क किनारे भूमि कब्जेदारी को मुआवजा देने का निर्णय लिया गया.
उत्तर प्रदेश जमीदारी भूमि व्यवस्था के धारा 143 मास्टर प्लान के अनुसार सीधे प्राधिकरण में लैंड यूज चेंज के लिए दिया जाएगा. यह कृषि भूमि होनी चाहिए.