दिल्ली में फंसे उत्तराखण्डी (Uttarakhandi): अपनों ने लताड़ा, दूसरों ने सराहा

उत्तरा न्यूज डेस्क, 27 मार्च 2020कोरोना संक्रमण की संभावनाओं के चलते केंद्र सरकार द्वारा तीन सप्ताह के और बंद की घोषणा से दिल्ली में फंसे…

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उत्तरा न्यूज डेस्क, 27 मार्च 2020
कोरोना संक्रमण की संभावनाओं के चलते केंद्र सरकार द्वारा तीन सप्ताह के और बंद की घोषणा से दिल्ली में फंसे करीब 130 से अधिक लोगों के लिए योगी सरकार ने संकटमोचन का काम किया है. आज सकुशल सभी यात्री अपने घरों में पहुंच गए है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली से उत्तराखण्ड (Uttarakhand) को आ रहे अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत, लोहाघाट, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, हल्द्वानी, चमोली आदि जिलों के 150 से अधिक यात्री आनंद विहार रोडवेज पर भटक रहे थे. इसमें स्कूल छात्राएं भी षामिल थी। ये यात्री देश के विभिन्न भागों ने दिल्ली पहुंचे थे और यहां बंद के चलते फंस गए थे.

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अल्मोड़ा—पिथौरागढ़ संसदीय सीट से सांसद अजय टम्टा के सहयोगी पंकज जोशी ने बताया कि भूख और पुलिस के दबाव से बेहाल इन यात्री की पीड़ा सुनकर उन्होंने भी हर स्तर पर संपर्क कर उन्हें राहत पहुंचाने का प्रयास किया लेकिन अपेक्षाकृत सफलता नहीं मिली.

असिस्टेंट रेजीडेंस कमीश्नर इला गिरी सहित अनेक अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन तो मिले लेकिन बार बार बसें भेजने की सूचना गलत साबित हुई. उन्होंने इस यात्रियों को उत्तराखण्ड (Uttarakhand) आवस सहित अन्य स्थानों पर शरण देने को भी प्रयास किए लेकिन सफलता नहीं मिली.

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उत्तराखण्ड (Uttarakhand) सरकार द्वारा जारी सभी फोन और संपर्क नम्बरों ने निराशा ही हाथ लगी. मजबूरन इन यात्रियों को गाजीपुर कैंप में रखा गया. यहां खाने और रहने की व्यवस्था स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर से की गई. उत्तराखण्डी (Uttarakhandi) मूल के लोगों ने भी अच्छा सहयोग किया। इसमें समाजसेवी विनोद बछेती आदि सम्मिलित थे.

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इस बीच 23 मार्च को मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड (Uttarakhand) की पहल पर दो बसें चंपावत डीएम की ओर से भेजी गई, जिसमें चंपावत और पिथौरागढ़ के 62 यात्रियों को भेजा गया. इसके बाद अनेक प्रयासों के बाद भी उत्तराखण्ड सरकार के अधिकारियों ने तत्परता नहीं दिखाई. अलबत्ता यहां के नेताओं की ओर से अवश्य मीडिया में बयानबाजी जारी रखी.

26 मार्च को उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इसकी जानकारी मिलने पर उनके द्वारा प्रशासन को तत्काल 3 घंटे में इस मामले को निस्तारित करने के निर्देश दिए गए. गाजियाबाद एसएसपी, डीएम और सीएमओ तथा स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल इन यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें उत्तरप्रदेश परिवहन की बसों से कुमाऊं और गढ़वाल मंडल को रवाना किया.

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चार रोज से परेशानी में फंसे यात्रियों ने दिल से उत्तरप्रदेश सरकार के प्रति आभार जताया और उत्तराखण्ड सरकार की संवेदनहीन नौकरशाही के प्रति नाराजगी प्रकट की. अधिकांश यात्रियो ने योगी सरकार को संकट मोचक बताया और कहा कि उत्तराखण्ड सरकार को भी उनसे इसी प्रकार मुस्तैदी और संवेदनशीलता सीखनी चाहिए.