अल्मोड़ा, 13 अप्रैल 2021- उत्तराखंड (uttarakhand) परिवर्तन पार्टी ने नैनीताल उच्च न्यायालय द्वारा पुलिस अधिकारियों को जेल अधीक्षक बनाए जाने के प्रदेश सरकार के गैरकानूनी आदेश को निरस्त करने का स्वागत किया है।
उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा ज़ारी किए गए इस आदेश के ख़िलाफ़ 19 फरवरी को उपपा ने प्रदेश राज्यपाल को इस आदेश के दुष्परिणामों को देखते हुए इसे निरस्त करने का ज्ञापन भेजा था।
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तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार का यह आदेश भारतीय संविधान की भावना व कानूनों के दावे-निष्पक्ष तरीके से न्यायिक सुनवाई को प्रभावित करने वाला था। जिसके चलते आम नागरिक व जेलों में पुलिस प्रशासन की मनमानी से बंद होने वाले लोगों के सामने गंभीर स्थिति पैदा हो रही थी।
उपपा अध्यक्ष ने कहा कि पुलिस प्रशासन व जांच एजेंसियां अपने राजनीतिक आकाओं को प्रसन्न करने के लिए बहुत से निरपराध लोगों को जेलों में बंद करती है। ऐसे में कारागारों में पुलिस अधिकारियों को तैनात करने का फैसला भारतीय संविधान के ख़िलाफ़ था। उच्च न्यायालय ने इस फैसले को निरस्त कर सरकार में चल रही मनमानी पर रोक लगाई है। उपपा इसका स्वागत करती है।
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