सर्द होते मौसम के बावजूद उत्तराखण्ड में सियासी तापमान बढ़ा हुआ है। इस बार कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के बयानो को देखे तो लगता है कि दोनो में छत्तीस का आंकड़ा चल रहा है।
इससे दरअसल यह मामला तब तूल पकड़ा जब पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने यह कह दिया कि हल्के फुल्के सूखे पत्ते चुनावी बयार में इधर-उधर उड़ते रहते हैं.. आगे कहा कि सरकार को दबाव में नहीं आना चाहिए…।
इसके जबाब में हरक भी पीछे नही रहे। हाजिरजबाबी के लिये जाने जाने वाले हरक सिंह ने तो यहां तक कह डाला कि कुछ लोग तो कुछ लोग तो भाग्य की खाते हैं और कुछ लोग मेहनत की.. आगे कहा कि हमने ज्यादा खोदा लेकिन पानी कम मिला, वही कुछ लेागों ने कम खुदान किया और उनको ज्यादा पानी मिल गया। हरक यही नही रूके , उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्र रावत 2002 में तीसरा बार विधायक बनने के बाद सीएम बन गए।