18 दिवसीय इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ शनिवार को भारतीय वन्य जीव संस्थान, देहरादून के पूर्व निदेशक डा0 जी.एस. रावत, एवं संस्थान के निदेशक डा. आर. एस. रावल ने किया।
वक्ताओं ने कहा कि पर्यावरण मंत्रालय, भारत सरकार का लक्ष्य वर्ष 2021 तक इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से देशभर में लगभग 5.50 लाख लोगों को वन एवं पर्यावरण के क्षेत्र में कौशल विकास हेतु तैयार करना है। मुख्य अतिथि द्वारा बताया गया कि पक्षियों को पहचानने के प्रशिक्षण द्वारा प्रशिक्षार्थी उत्तराखण्ड राज्य मेें पर्यटन की सम्भावना को एक नया आयाम देगें।
आप हमारे फेसबुक पेज ‘उत्तरा न्यूज’ व न्यूज ग्रुप uttra news से भी जुड़कर अपडेट प्राप्त करें|
यूट्यूब पर सबसे पहले अपडेट पाने के लिए youtube पर uttranews को सब्सक्राइब करें…….