Almora- Uttarakhand state agitators celebrated state foundation day
अल्मोड़ा, 10 नवंबर 2022- उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों ने उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस सादगी के साथ मनाया।
इस अवसर पर आयोजित एक सभा में वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के निर्माण का श्रेय भले ही कई राजनैतिक दल लेते हों, किन्तु वास्तविकता यह है कि उत्तराखंड राज्य निर्माण हेतु 42 लोगों ने शहादत दी तथा हजारों लोगों ने त्याग व बलिदान दिया, यातनाएं सही।
वक्ताओं ने कहा कि अकूत जल संपदा, बेशकीमती जड़ी बूटियों, खनिज संपदा, रमणीक, ऐतिहासिक, धार्मिक पर्यटन स्थलों से भरी इस देवभूमि में बने राज्य को जहां देश के अग्रणी राज्यों में होना था, परन्तु राज्य बनने के बाद विकास की सही दिशा तय न होने से राज्य निर्माण के 22 वर्षो में राज्य की अर्थव्यवस्था कर्ज से चल रही है।
राज्य में कृषि भूमि बंजर भूमि में बदल गई है, जंगली आवारा जानवरों ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। शिक्षा, स्वास्थ्य की व्यवस्था बदहाल है, बेरोजगारी चरम पर है, पलायन दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है इसलिए राज्य आंदोलनकारियों को अपनी मांगों के साथ साथ जन समस्याओं के लिए भी संघर्ष करना होगा।
इस अवसर पर राज्य आंदोलनकारियों की पैंशन में वृद्धि, क्षैतिज आरक्षण बहाल करने, राजधानी गैरसैंण बनाने, राज्य आंदोलनकारियों के गांवों को आदर्श गांव बनाने, आश्रितों को शीघ्र पैंशन देने, छूटे आंदोलनकारियों को चिन्हित करने सहित अनेक मांगों का एक ज्ञापन भी मुख्यमंत्री उत्तराखंड को भेजा गया।
इस अवसर पर राज्य आंदोलनकारी ब्रह्मानन्द डालाकोटी, मोहन सिंह भैसोड़ा,दौलत सिंह बगड्वाल, शिवराज बनौला, गोपाल सिंह बनौला, नवीन डालाकोटी, पूरन सिंह बनौला, दिनेश शर्मा, तारा राम, कैलाश राम ,मदन राम,शंकर दत्त डालाकोटी, कृष्ण चंद्र, कुन्दन सिंह,पदम सिंह,पान सिंह,नंदन सिंह, देवनाथ गोस्वामी,बसन्त बल्लभ जोशी हेम जोशी बचुली देबी,हरीश राम उदय महरा, रोहित सिंह पैनवाल,सौरव डालाकोटी, भुवन चंद्र जोशी, रमेश सिंह आदि लोग उपस्थित थे।