बागेश्वर खनन प्रकरण में बर्खास्त किए गये सीएम के पीआरओ की दुबारा नियुक्ति चर्चाओं में आ गयी है। इससे ऐन चुनावो के समय इस मुद्दे पर सरकार ने बैठे बिठाये विपक्ष को सवाल उठाने का मौका दे दिया हैं।
बताते चले कि कुछ समय पहले बागेश्वर में अवैध खनन के मामले में पकड़े गये वाहनो को छोड़ने के लिये सीएम पुष्कर सिंह धामी के पीआरओ नंदन सिंह बिष्ट ने बागेश्वर पुलिस को पत्र लिखा था। यह पत्र सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद सरकार की बड़ी किरकिरी हुई थी और इस मामले में चौतरफा घिरने के बाद सीएम धामी ने पीआरओ नंदन सिंह बिष्ट को बर्खास्त कर दिया था।
अब यह प्रकरण एक बार फिर से चर्चा में आ गया हैं। बताया जा रहा है कि सीएम के पीआरओ नंदन सिंह बिष्ट को फिर से नियुक्ति देने के आदेश दिये गये है।
सचिवालय प्रशासन सचिव विनोद कुमार सुमन की ओर से यह आदेश जारी हुए हैं।इस मामले में कांग्रेस ने सीएम पर फिर से हमला बोल दिया हैं।
उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष और सलाहकार सुरेंद्र कुमार और कांग्रेस की गढ़वाल मंडल मीडिया प्रभारी गरिमा दसौनी ने मुख्यमंत्री पर खनन माफियाओं के साथ नरमी से पेश आने का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे सीएम धामी का खनन माफियाओं के प्रति प्रेम उजागर हुआ हैं। कहा कि सीएम धामी के पीआरओ का अवैध खनन के ट्रक को छुड़ाने में पत्र वायरल हुआ था। और पत्र के वायरल होने के बाद पीआरओ की नियुक्ति रद्द कर दी गयी थी लेकिन ऐन आचार संहिता से पहले विवादो में आये पीआरओ को सीएम ने फिर से खनन माफियाओ के पक्ष में काम करने वाले पीआरओ को फिर से नियुक्ति देकर एक गलत परंपरा पेश की हैं।