Uttarakhand- पानी, सूखा और जंगलों की आग को लेकर कांग्रेस का धरना

पिथौरागढ़ सहयोगी, 06 अप्रैल 2021- Uttarakhand- जिला मुख्यालय और आसपास के इलाके सहित विभिन्न ग्रामीण इलाकों में छाये पेयजल संकट को दूर करने, घाट पंपिंग…

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पिथौरागढ़ सहयोगी, 06 अप्रैल 2021- Uttarakhand- जिला मुख्यालय और आसपास के इलाके सहित विभिन्न ग्रामीण इलाकों में छाये पेयजल संकट को दूर करने, घाट पंपिंग योजना के पुनगर्ठन में हुए घपले की जांच, सूखे की समस्या और जंगलों में धधक रही आग पर काबू पाने सहित करीब आधा दर्जन मांगों को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को प्रदेश उपाध्यक्ष मयूख महर के नेतृत्व में जिलाधिकारी कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया।

इस दौरान जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया जिसके बाद जिलाधिकारी ने जल संस्थान और जलनिगम को पेयजल समस्या के त्वरित समाधान के निर्देश देते हुए लापरवाही बरतने पर अधिकारियों को चेतावनी जारी की है।

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प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक मयूख महर ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार करीब आधा दर्जन मांगों को लेकर मंगलवार को कलक्ट्रेट परिसर में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया।

मुख्यालय सहित जिले के विभिन्न क्षेत्रों में छाये पेयजल संकट, आंवलाघाट व घाट पंपिंग योजना, वनाग्नि और उसके लिए विभाग को हर वर्ष मिलने वाले धन में घपले को लेकर कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी की।

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पूर्व विधायक महर ने कहा कि कांग्रेस शासन में सुचारू हो चुकी आंवलाघाट पेयजल योजना में 100 करोड़ खर्च होने के बावजूद जिला मुख्यालय के लोगों को पेयजल के लिए तरसना पड़ रहा है। इसकी वजह स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की मिलीभगत और लापरवाही है।

उन्होंने घाट पेयजल योजना के पुनगर्ठन के लिए केंद्र और राज्य से 6 करोड़ रुपये मिलने के बावजूद उसकी खस्ताहालत की जांच की मांग उठाई। कांग्रेस नेता ने पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल के संकटग्रस्त इलाकों में खच्चरों आदि के माध्यम से पानी उपलब्ध कराने की घोषणा को क्रियान्वित करने की मांग उठाई।

कांग्रेस नेता महर ने जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने और जरूरतमंद काश्तकारों को फसलों का उचित मुआवजा देने की मांग उठाई। उन्होंने धधक रहे जंगलों की आग बुझाने को उचित और ठोस कार्यवाही करने और इसके लिए गांव के युवाओं को उचित मानदेय देकर उनकी मदद लिये जाने की बात कही। ताकि युवा अपने गांव को आग से बचा भी सकें और पैसा भी कमा सकें।

पूर्व विधायक ने कहा कि वह इस बीच अनेक गांवों का भ्रमण कर चुके हैं, लेकिन उन्हें कहीं भी वन विभाग के कर्मी और फायर फाइटर्स आग बुझाते हुए नजर नहीं आए। उन्होंने हर साल दावाग्नि के लिए आने वाली धनराशि की पिछले पांच साल से बंदरबांट करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसकी रिकवरी भी वन विभाग के अधिकारियों से कराये जाने की मांग की है। उन्होंने डीएफओ पर भी सीधे-सीधे भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।

महर ने ग्रामीण क्षेत्रों में भी शहरी क्षेत्र की तरह कोरोना के टीकाकरण की उचित व्यवस्था किये जाने की मांग उठाई और कहा कि टीकाकरण की ग्रामीण इलाकों में व्यवस्था बदहाल है, जबकि इस पर सभी का बराबर हक है।

उन्होंने श्रम विभाग में किये जा रहे श्रमिकों के पंजीकरण का लाभ ग्रामीण इलाकों के लोगों को न मिलने की बात कही। कहा कि इस लाभकारी योजना का गांवों में भी व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। कम से कम न्याय पंचायत स्तर पर श्रमिकों के पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। ताकि दूरदराज के भी जरूरतमंद लोगों को इसका लाभ मिल सके।

उन्होंने आरोप लगाया कि अब तक पिथौरागढ़ जिले के केवल 20 प्रतिशत लोगों का ही पंजीकरण इस योजना के तहत हुआ है जबकि इसमें सिर्फ बिहार, नेपाल आदि जगहों के लोगों का पंजीकरण हुआ है। यह पिथौरागढ़ के लोगों के साथ अन्याय है। उन्होंने इन समस्याओं पर जल्द और ठोस कार्यवाही किये जाने की मांग की।

इस दौरान जिलाधिकारी आनंद स्वरूप ने पूर्व विधायक को समस्याओं पर वार्ता के लिए बुलाया और उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया। इसके साथ ही डीएम ने जल निगम और जल संस्थान के अधिशासी अभियंताओं को जिले में ऐसी जगहों का चिन्हीकरण कर टैंकरों व अन्य संसाधनों के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।

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उन्होंने दोनों विभागों के अधीक्षण अभियंताओं को भी मामले की नियमित समीक्षा करने के निदेश दिये। और पेयजल आपूर्ति न होने संबंधी शिकायतें दोबारा आने पर कार्यवाही की चेतावनी भी दी है। इसके बाद कांग्रेस ने अपना धरना प्रदर्शन समाप्त कर दिया।

धरने में प्रदेश प्रवक्ता मयूख महर, जिलाध्यक्ष त्रिलोक महर, यूथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष ऋषेंद्र महर, प्रशांत भंडारी, शंकर खड़ायत, प्रवक्ता खीमराज जोशी, सभासद पवन माहरा, अनिल जोशी, बंटी महर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल थे।

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