भूकंप की दृष्टि से उत्तराखंड को बेहद संवेदनशील माना जाता है लेकिन अब इसका अलर्ट 15 से 30 सेकंड पहले ही मोबाइल पर मिल जाएगा यूएसडीएमए (उत्तराखंड स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथारिटी) और आइआइटी रुड़की ने इसके लिए भूदेव एप विकसित किया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से सभी से अपील की है कि वह इस ऐप को अधिक से अधिक संख्या में डाउनलोड करें। उन्होंने कहा कि भूकंप की संवेदनशीलता को देखते हुए उत्तराखंड जोन 4 व 5 के अंतर्गत आता है।ऐसे में सभी नागरिकों जागरूक और सतर्क रहने की आवश्यकता है।
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि भूकंप का अलर्ट प्रदान करने के उद्देश्य से यह एप विकसित किया गया है। इसके लिए राज्य में अलग-अलग स्थानों पर 169 सेंसर लगाए गए हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि भूकंप आने पर दो तरह के तरंगे निकलते हैं जिन्हें हम प्राइमरी और सेकेंडरी तरंग कहते हैं। प्राइमरी तरंगे पहले निकलते हैं।
जब भूकंप आएगा तो अलग स्थान पर लगे सेंसर प्राइमरी तरंगों को डिटेक्ट कर लेंगे। यदि रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5 से अधिक होगी तो यह ऐप मोबाइल में सायरन बजा देगा।
सेकेंडरी तरंगों के आने से 15 से 20 सेकंड पहले ही चेतावनी मिल जाएगी और लोग सावधानी बरतते हुए अपनी सुरक्षा कर पाएंगे। यह एप प्ले व एप स्टोर के माध्यम से डाउनलोड किया जा सकता है।
आपदा प्रबंधन सचिव के अनुसार वर्तमान में राज्य में 169 सेंसर और 112 सायरन लगे हैं। अब इनकी संख्या बढ़ाई जा रही है, ताकि व्यापक स्तर पर पूरे प्रदेश में अलर्ट मिल सकें। इस क्रम में 500 अतिरिक्त सेंसर और एक हजार सायरन लगाने की योजना है।