Uttarakhand- यहां घर के पास से बुुजुर्ग महिला को उठा ले गया गुलदार (leopard), 10 दिन के भीतर दूसरी घटना

पिथौरागढ़ सहयोगी, 01 मार्च 2021जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर कनालीछीना ब्लाॅक के एक गांव में रविवार शाम जंगल से लौट रही एक बुजुर्ग…

Leopard

पिथौरागढ़ सहयोगी, 01 मार्च 2021
जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर कनालीछीना ब्लाॅक के एक गांव में रविवार शाम जंगल से लौट रही एक बुजुर्ग महिला को गुलदार (leopard) ने मार डाला। परिवार में एकमात्र बेटे और ग्रामीणों को घटना का पता रात करीब 9 बजे चला जिसके बाद देर रात मृतका का क्षत-विक्षत शव बरामद किया गया।

इलाके में पिछले करीब 10 दिन के भीतर यह दूसरी घटना है जब गुलदार (leopard) ने एक और इंसान की जान ली है। वन विभाग की टीम मुरादाबाद से आए शिकारियों के साथ कई दिनों से क्षेत्र में गश्त कर रही है, लेकिन गुलदार न तो उनके हाथ लग पाया और न ही पिंजरे में फंस पाया है। इस घटना से इलाके में गुलदार की दहशत बढ़ गई है।

कनालीछीना कस्बे से करीब 2 किमी दूर ग्राम पंचायत सिरोली के कोल्ट्या तोक निवासी लगभग 72 वर्षीया तुलसी देवी स्व. चंद्र सिंह सिरोला रविवार अपराह्न में गांव के पास स्थित जंगल गई थी। जलौनी लकड़ी लेकर लौटी तुलसी देवी शाम करीब साढ़े छह जब घर के पास लकड़ी जमा करने वाली जगह पहुंची तो घात लगाए गुलदार (leopard) ने उन पर हमला कर दिया और घसीटता हुआ जंगल की तरफ ले गया।

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ग्राम प्रधान मनोज सिंह सिरोला ने बताया कि रात करीब 9 बजे तुलसी देवी के बेटे राजू सिरोला ने अपने आस—पड़ोस में मां के लापता होने की सूचना दी। इस पर ग्राम प्रधान मनोज ने अन्य ग्रामीणों के साथ बुजुर्ग महिला की खोजबीन शुरू की। घर से 20-25 मीटर दूर लकड़ी जमा करने वाली जगह पर खून के धब्बे और तुलसी देवी की चप्पल पड़ी मिलीं।

जंगल से लाई गई तुलसी देवी की लकड़ियां भी वहीं पड़ी थीं। इसके बाद कनालीछीना थाना पुलिस, वन विभाग और राजस्व पुलिस को सूचना दी गई। ग्राम प्रधान के अनुसार वन विभाग, पुलिस और ग्रामीणों ने जंगल की तरफ खोजबीन शुरू की तो घटनास्थल से लगभग चार सौ मीटर दूर रात करीब 11.30 बजे तुलसी देवी का क्षत-विक्षत शव बरामद हुआ।

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महिला का सिर और धड़ अलग-अलग जगह से बरामद किया गया। यहां उल्लेखनीय है कि एक सप्ताह पूर्व इसी इलाके में गुलदार (leopard) के हमले में मारी गई एक अन्य महिला का शव भी इसी तरह अलग-अलग हिस्सों में मिला था।

वनविभाग के डीडीहाट रेंज के रेंजर पूरन सिंह देउपा ने बताया कि एक सप्ताह पूर्व गुलदार द्वारा बजेता गांव में कलावती देवी की जान लेने की घटना के बाद क्षेत्र में एक टीम शिकारियों के साथ लगातार गश्त कर रही है।

गुलदार (leopard) को खतरनाक घोषित किया जा चुका है और इस घटना के बाद सोमवार को विभाग की 2 और टीम गश्त पर लगा दी गई हैं। क्षेत्र में एक और पिंजरा लगाया जाएगा। खतरनाक गुलदार को मारने के लिए मुरादाबाद से दो शिकारी यहां पहले ही आ चुके हैं और रविवार की घटना के बाद नैनीताल से शिकारी हरीश धामी को भी बुलाया गया है।

रेंजर देउपा ने बताया कि पीड़ित परिवार को फिलहाल 15 हजार रुपये तत्काल राहत राशि दी गई है और शेष धनराशि अन्य विभागीय कार्यवाही के बाद दी जाएगी। सोमवार दोपहर को जिला मुख्यालय में शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया।

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बेटे को रात 9 बजे हुआ घर में मां के मौजूद न होने का अहसास

गुलदार के हमले में मारी गईं बुजुर्ग तुलसी देवी जैसे-तैसे अपना परिवार चला रही थीं। दुखों से घिरी हुई तुलसी देवी ने जीवन में अनेक तकलीफें देखीं थीं। जानकारी के अनुसार काफी समय पहले उनके पति चंद्र सिंह का निधन हो गया था, जबकि एक बड़ा बेटा और उसका परिवार एक हादसे में काल कलवित हो गए थे।

करीब 19 साल पहले तुलसी देवी के बड़े बेटे, उसकी पत्नी और डेढ़-दो महीने के एक बच्चे की रात में सोने के दौरान अंगीठी जलाए रखने से दम घुटकर मौत हो गई थी। इन हादसों के बावजूद तुलसी देवी मेहनत और लगन से परिवार चला रही थीं।

उनका छोटा बेटा लगभग 40 वर्षीय राजू सिरोला अभी अविवाहित और बेरोजगार है। मिली जानकारी के अनुसार रविवार शाम राजू सिरोला कनालीछीना कस्बे से आया और थका होने के कारण तुरंत उसकी आंख लग गई।

रात करीब 9 बजे उसकी आंख खुली तो उसे घर में मां के मौजूद न होने का अहसास हुआ। वह उठा और कमरों में झांकने के साथ मां का बिस्तर भी टटोला, लेकिन मां कहीं नजर नहीं आयी। घबराकर बाहर आए राजू ने अपने आस—पड़ोस में स्थित दो-तीन घरों में पता किया, लेकिन वहां भी मां का कुछ पता नहीं चला। इस पर ग्रामीण इकट्ठा हुए और घटनास्थल पर पहुंचे तो तुलसी देवी की चप्पलें और खून के धब्बे देख सन्न रह गए।

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