उत्तराखंड – भुगतान में देरी से चढ़ा लोक कलाकारों का पारा,2 अप्रैल को निदेशालय में आमरण अनशन का किया ऐलान

🎭 लोक कलाकार महासंगठन के अध्यक्ष गोपाल सिंह चम्याल ने उत्तराखंड के सांस्कृतिक लोक दलों और लोक गायकों को लंबे समय से उनके सांस्कृतिक कार्यक्रमों…

Uttarakhand - Folk artists' temper rises due to delay in payment, announced fast unto death in the Directorate on April 2

🎭 लोक कलाकार महासंगठन के अध्यक्ष गोपाल सिंह चम्याल ने उत्तराखंड के सांस्कृतिक लोक दलों और लोक गायकों को लंबे समय से उनके सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भुगतान न मिलने पर नाराजगी जताई है। चम्याल ने अपने बयान में साफ कहा कि संस्कृति निदेशालय देहरादून द्वारा कलाकारों की अनदेखी की जा रही है। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि कलाकारों को त्योहार भी मुश्किल से मनाने पड़ रहे हैं।

🎯 कलाकारों को लोन लेकर करने पड़ रहे हैं कार्यक्रम
लोक कलाकार महासंगठन के अनुसार, स्थिति इतनी विकट हो चुकी है कि कलाकारों को बैंक से लोन लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रम करने पड़ रहे हैं। त्योहार के मौके पर भी कलाकारों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद, विभाग के अधिकारी कलाकारों की सुध नहीं ले रहे हैं।

🎯 दो-दो साल तक अटके रहते हैं भुगतान
कलाकारों का कहना है कि कार्यक्रमों का भुगतान करने में दो-दो साल तक की देरी हो रही है। इससे उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो रही है। इतना ही नहीं, कलाकारों का मानदेय भी लंबे समय से नहीं बढ़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि संस्कृति विभाग द्वारा कलाकारों के लिए कोई रोजगार नीति भी नहीं बनाई गई है, जिससे कलाकारों का भविष्य अधर में लटका हुआ है।

🎯 कलाकारों को सिर्फ भीड़ जुटाने का माध्यम बनाया गया
गोपाल सिंह चम्याल ने कहा कि कलाकारों का इस्तेमाल सिर्फ नेताओं के लिए भीड़ जुटाने के लिए किया जा रहा है। जब बात भुगतान की आती है, तो संस्कृति विभाग और सरकार दोनों ही चुप्पी साध लेते हैं। कलाकारों के इस शोषण के खिलाफ उन्होंने आवाज उठाई है।

🎯 2 अप्रैल 2025 को आमरण अनशन की चेतावनी
चम्याल ने साफ कहा है कि अगर 31 मार्च 2025 तक सभी कलाकारों के बिलों का भुगतान नहीं किया गया तो 2 अप्रैल 2025 को संस्कृति निदेशालय देहरादून में आमरण अनशन शुरू किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी है कि इस स्थिति के लिए पूरी जिम्मेदारी संस्कृति विभाग के अधिकारियों और शासन-प्रशासन की होगी।


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