Uttarakhand election 2022
उत्तरा न्यूज डेस्क, 01 फरवरी 2022— Uttarakhand election 2022 नाम वापसी के अंतिम दिन कांग्रेस और भाजपा दोनों अधिकांश सीटों पर अपने बागियों को मनाने में कामयाब रही है।लेकिन बगावत सार्वजनिक रूप से खत्म भले ही हो गई हो। कार्यकर्ता या दावेदार नाराज कितने हैं इस संबंध में दोनो पार्टियों की अंदर खाने चिंताए बढ़ गई हैं।Uttarakhand election 2022
यह बागी जो भले ही संगठन के प्रति निष्ठा जताकर वापस आने का दावा भले ही कर रहे हों लेकिन समर्पित कितने रहेंगे या नुकसान कितना करेंगे इसी चिंता में राजनीतिक दल घुल रहे हैं।
Uttarakhand election 2022 में नाम वापसी के अंतिम दिन 95 प्रत्याशियों ने अपने नाम वापस लिए अब 632 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। यही नहीं इस बार 136 प्रत्याशी निर्दलीय चुनाव भी लड़ रहे हैं।
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Uttarakhand election 2022 टिकट वितरण के बाद से भाजपा और कांग्रेस में असंतोष का जो तूफान खड़ा हुआ उसे शांत करने में दोनों दलों को भारी मशक्कत करनी पड़ी। कई सीटों में बगावत नामांकन तक पहुंची तो कुछ को नामांकन से पूर्व मना लिया गया। कई ऐसी सीटें भी हैं जहां नामांकन वापसी के बाद भी बागी मैदान में डटे हुए हैं। ऐसे में जिन सीटों पर बागियों को मना लिया गया है वहां फिलहाल चुनाव लड़ने की चिंता तो खत्म हो गई है। पर बागी दिल से कितना जुड़ेगे यह भविष्य के गर्त में है।
हाल ऐसे है कि बागी तो मान गए हैं यह दावा किया जा रहा है पर समर्थकों का क्या होगा इस संबंध में दलों फिलहाल कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं। यानि बागी भी मैं तो मान गया इसका पता नहीं वाली पॉलिसी में हैं। चुनावी क्षेत्र से दूर हो जाना या उदासीन हो जाना भी कई स्थानों पर घोषित प्रत्याशियों के लिए चुनौती सा बना है। भीतरघात का जितना खतरा भाजपा को है उतना ही कांग्रेस को भी है। संभावित भीतर घात हुआ तो इससे दोनों दलों के चुनावी समीकरण गड़बड़ाने तय हैं।
इधर भाजपा और कांग्रेस के लिए अभी भी प्रदेश भर में 22 बागी टेंशन बने हुए हैं इन्होंने नामांकन के बाद भी नाम वापस नहीं लिया। भाजपा केवल 20 में से 5 बागियों को ही मना पाई तो कांग्रेस 15 में से 8 को मना चुकी है। हालांकि पूर्व सीएम हरीश रावत के खिलाफ लालकुंआ में ताल ठोंकने वाली संध्या डालाकोटी व रामनगर से संजय नेगी को मनाने में कांग्रेस नाकामयाब साबित हुई।
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अब बगावत के बाद के समीकरणों के हिसाब से देखें तो भाजपा को घनसाली, कर्णप्रयाग, कोटद्वार, रुद्रपुर, भीमताल में नुकसान होता दिख रहा है, भाजपा से बगावत कर चुनाव लड़ रहे रुद्रपुर के प्रत्याशी राजकुमार ठुकराल,अजय तिवारी, रानीखेत से दीपक करगेती, पवन चौहान, भीमताल से लाखन सिंह नेगी और कुंदन मेहता परेशानी का सबब बन सकते हैं। तो कांग्रेस के लिए लालकुंआ, रुद्रप्रयाग, यमुनोत्रों और घनसाली में बगावत का सामना करना पड़ रहा है।
अल्मोड़ा में भी खुली बगावत टली लेकिन भीतरघात का खतरा
हालांकि अल्मोड़ा में भाजपा और कांग्रेस दोनो खुली बगाबत को टालने में कामयाब रहे हैं लेकिन यहां भीतरघात दोनों दलों के लिए चुनौती बना हुआ है। भाजपा ने जागेश्वर और द्वाराहाट में डैमेज कंट्रोल कर लिया तो कांग्रेस ने अल्मोड़ा में बगावत की संभावना टाल दी। हालांकि रानीखेत में दीपक करगेती भाजपा छोड़ मैदान में डटें हैं तो सोमेश्वर में भी भाजपा के पूर्व अनुसूचित मोर्चा के पदाधिकारी रहे गोविंद लाल भी मैदान में हैं।Uttarakhand election 2022
कांग्रेस से बागियों पर की कार्रवाई छह साल के लिए निष्काषित किया
कांग्रेस ने बागियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई कर दी है। पार्टी ने रामनगर से संजय नेगी, लालकुंआ में संध्या डालाकोटी, रुद्रप्रयाग से मातबर सिंह कंडारी, यमुनोत्री से संजय डोभाल को छह साल के लिए पार्अी से निष्काषितकर दिया है।Uttarakhand election 2022