यह होंगे फायदे—
इंफ्रास्ट्रक्चर होगा बेहतर
पुरोहितों के हित सुरक्षित
वहीं सरकार शुरुआत से इस बात का दावा करती रही है कि इस बोर्ड के गठन से पुरोहित समाज के हितों की अनदेखी किसी स्तर पर नहीं होगी. रावत और पुरोहितों की सदियों पुरानी व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं आएगा. प्रबंधन के स्तर पर बोर्ड व्यवस्थाओं को बेहतर करेगा. सरकार की माने तो इसी लिहाज से सरकार ने बोर्ड में चारों धामों के प्रतिनिधियों को भी स्थान दिया है. सरकार का यह भी दावा है कि इस बोर्ड के गठन के बाद चारों धामों की व्यवस्था में समन्वय बनेगा.
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त्रिवेंद्र सरकार राज्य में धार्मिक तीर्थाटन को भविष्य के लिहाज से व्यवस्थित करना चाहती है. वैष्णो देवी और तिरुपति बालाजी जैसे मंदिरों में की गई व्यवस्थाओं के मुताबिक ही त्रिवेंद्र सरकार उत्तराखंड के मंदिरों में भी व्यवस्थाएं करना चाहती है.
सरकार को उम्मीद है कि इससे राज्य के मंदिरों में धार्मिक पर्यटन बढ़ेगा. हालांकि सरकार के प्रयासों से चार धामों में आने वाले यात्रियों का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है. फिलहाल तकरीबन चालीस लाख पर्यटक पहुंच रहें हैं. सरकार का मानना है कि राज्य में जारी ऑल वेदर रोड और ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन के निर्माण के बाद पर्यटकों की संख्या करोड़ों में पहुंच सकती है. ऐसे में राज्य के मंदिरों की व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए सरकार को इस तरह के बोर्ड के गठन की जरूरत महसूस हो रही थी.