Uttarakhand- मुख्यमंत्री कल करेंगे राज्य स्तरीय सैन्यधाम का शिलान्यास

Uttarakhand- CM will lay the foundation stone of state level military fort tomorrow देहरादून, 22 जनवरी 2021Uttarakhand–मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत शनिवार यानि कल पुरकुल गांव…

Cm tsr in almora visit

Uttarakhand- CM will lay the foundation stone of state level military fort tomorrow

देहरादून, 22 जनवरी 2021
Uttarakhand
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत शनिवार यानि कल पुरकुल गांव में राज्य स्तरीय सैन्य धाम का शिलान्यास करेंगे। देश की आजादी के पश्चात् देश की रक्षा में अपना बलिदान देने वाले वीर सपूतों का विवरण यहां अंकित होगा। सैन्यधाम में राज्य की गौरवशाली सैन्य परम्परा के साथ ही इससे संबंधित जानकारी भी आम जनता को उपलब्ध होगी।

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Uttarakhandमुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने राज्य स्तरीय सैन्यधाम की स्थापना के सम्बन्ध में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उत्तराखंड के पांचवे धाम के रूप में सैन्य धाम का नाम लिया था। अब देहरादून में सैन्य धाम बनने जा रहा हैं। इसके लिये पर्याप्त भूमि व धनराशि की व्यवस्था की गई है।

Uttarakhandमुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिकों का हित हमारे लिए सर्वोपरि है। सैनिकों और पूर्व सैनिकों की समस्याओं के समाधान के लिए शासन स्तर अपर मुख्य सचिव और जिला स्तर अपर जिलाधिकारी को नोडल अधिकारी तैनात किया है। सैनिकों एवं पूर्व सैनिकों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिये सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं।

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राज्य सरकार द्वारा शहीद सैनिकों व अर्ध सैनिकों के एक परिजन को योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी में समायोजित करने की व्यवस्था की है। अब तक 14 आश्रितों को सेवायोजित किया जा चुका है, जबकि 6 की नियुक्ति प्रक्रिया गतिमान है। सचिवालय में प्रवेश के लिए सैनिकों और पूर्व सैनिकों को अलग से प्रवेश पत्र बनवाने की आवश्यकता नहीं है। वे अपने आईकार्ड से ही सचिवालय में प्रवेश कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों के हित में कई निर्णय भी लिये गए हैं। उत्तराखण्ड राज्य के वीरता पदक से अलंकृत सैनिकों के अनुदान में सबसे अधिक वृद्धि करने वाला राज्य हैं। वीरता पदक प्राप्तकर्ता सैनिकों एवं उनकी विधवाओं को दी जाने वाली वार्षिकी राशि 30 वर्ष के स्थान पर अब आजीवन दिये जाने की व्यवस्था की गई हैं।

विभिन्न युद्धों व सीमान्त झड़पों तथा आन्तरिक सुरक्षा में शहीद हुये सैनिकों व अर्द्धसैनिक बलों की विधवाओं, आश्रितों को एकमुश्त रू 1000000 अनुदान दिये जाने की व्यवस्था की गई हैं। युद्ध में शहीद सैनिकों की विधवाओं और युद्ध अपंगता के कारण सेवामुक्त हुए सैनिकों को आवासीय सहायता अनुदान 200000 की धनराशि दी जा रही है। सेवारत एवं पूर्व सैनिकों को 25 लाख तक की स्थावर सम्पत्ति के अन्तरण पर 25 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी में छूट अनुमन्य भी की गई हैं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के पूर्व सैनिकों एवं उनकी विधवाओं को जिन्हें किसी भी स्रोत से पेंशन नहीं मिल रही है। 5 दिसम्बर, 2017 से पेंशन की राशि को 4000 रुपये से बढ़ाकर 8000 रुपये प्रतिमाह किया गया है। राज्य के विभिन्न नगर निगमों, नगर पालिकाओं की सीमाओं में, जो सेवारत एवं पूर्व सैनिक स्वयं के मकान में निवास कर रहे हैं, को गृहकर से मुक्त रखा गया हैं। मुख्यमंत्री कारगिल शहीद परिवार सहायता कोष से इंजीनियरिंग, मेडिकल एवं पीएचडी शिक्षा हेतु क्रमशः 12000रुपये, 15000 तथा 10000 प्रतिवर्ष छात्रवृत्ति देने के साथ ही पूर्व सैनिकों को राज्य सरकार की सेवाओं में समूह-ग की रिक्तियों में 5 फीसदी का क्षैतिज आरक्षण अनुमन्य किया गया हैं।

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