उत्तराखंड: इसे अनदेखी कहें या उदासीनता, 14 महिने से रिटायर्ड शिक्षकों को नहीं मिली पेंशन, कार्मिकों के सम्मुख गहराया आर्थिक संकट

Uttarakhand: Call it neglect or indifference, retired teachers have not received pension for 14 months, deepening financial crisis facing the employees जनपद पिथौरागढ़ और चंपावत…

Uttarakhand: Call it neglect or indifference, retired teachers have not received pension for 14 months, deepening financial crisis facing the employees

जनपद पिथौरागढ़ और चंपावत का शिक्षा विभाग सेवानिवृत्त तदर्थ विनियमित शिक्षकों को पेंशन एवं ग्रेच्युटी नहीं दे रहा है। जबकि ऐसे  शिक्षकों को सेवानिवृत्त हुए एक साल से अधिक हो गया है। ता उम्र विभाग को सेवाएं देने वाले यह शिक्षक विभाग की इस उदासीनता से मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं।

निराश शिक्षकों का कहना है कि इस नाउम्मीदी से एक शिक्षक तो इस कारण डिप्रेशन के शिकार हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। ऐसे ही पेंशन नहीं मिलने से शिक्षकों को आर्थिक परेशानियों से अलग जूझना पड़ रहा है। यह मामला पिथौरागढ़ और चम्पावत में सामने या है जबकि ठीक इसके विपरीत अल्मोड़ा, नैनीताल एवं प्रदेश के अन्य जनपदों में सेवानिवृत्त शिक्षकों को पेंशन का भुगतान किया जा रहा है और ग्रेच्युटी को 2002 विनियमित होने की तिथि से भुगतान किया जा रहा है। लेकिन बहुत सारे शिक्षकों को 2022 तक देहरादून नैनीताल व अन्य जिलों में पूरी ग्रेच्युटी
दी गई है ।
  रिटायर्ड शिक्षकों ने बताया कि जबकि तदर्थ विनियमित शिक्षकों की पेंशन की गणना उनकी नियुक्ति तिथि से करने के स्पष्ट प्रावधान है। इस संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी तदर्थ विनियमित शिक्षकों के हित में फैसला दिया है।
आश्चर्य की बात यह है कि एक राज्य,एक विभाग और एक ही मंडल में लंबे समय से  सेवानिवृत्त शिक्षकों के साथ ऐसा सौतेला व्यवहार किस कारण किया जा रहा है। यह बात किसी के गले नहीं उतर रही है।
  पेंशन और अन्य भुगतान के लिए पिथौरागढ़ और चंपावत जनपद के शिक्षक लगातार लिखा पढ़ी कर रहे हैं। यहां तक कि कुछों ने वकील के माध्यम से विभागीय उच्चाधिकारियों को नोटिस तक भिजवा दिया है। परंतु विभाग की चुप्पी समझ से परे है। पिथौरागढ में तो कई प्राइमरी शिक्षकों को भी ड़ेढ़ साल से पेंशन नहीं दी जा रही है ।
यहां यह बात भी दीगर है कि पेंशनर्स संगठन यहां साथ आया है, इस बीच वहां पेंशनर्स एसोसिएशन ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को 30 मई तक मामले के निस्तारण का समय दिया है।
  सेवानिवृत्त शिक्षकों को परेशान करने और आर्थिक तंगी से जूझ रहे ऐसे शिक्षकों के प्रकरणों का क्या विभाग/शासन संज्ञान लेगा यह मुख्य व ज्वलंत प्रश्न है? 

पिथौरागढ़ के मुख्य शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार जुकरिया का कहना है कि सेवानिवृत्त तदर्थ शिक्षकों के पेंशन – ग्रेच्युटी संबंधी सभी मामलों की पत्रावली ट्रेज़री को भेजी गई है। चूंकि इस संबंध में शासन से कोई नया आदेश आया है, जिसके अनुसार जिन शिक्षकों ने वेतन ज्यादा आहरित किया है, उनसे रिकवरी भी की जानी है। ऐसे में उनके पेंशन आदि के मामलों का निस्तारण ट्रेज़री स्तर से ही हो रहा है।

(समाचार हेतु साभार सहयोग पिथौरागढ़ सहयोगी केएस चौहान)