उत्तराखंड में सड़क हादसों के चौंकाने वाले आंकड़ें— शहर नहीं ​बल्कि गांव में अधिक हो रहे एक्सीडेंट, यहां देखे आकड़ें

UTTRA NEWS DESK
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डेस्क। उत्तराखंड में सड़क हादसों का ग्राफ लगातार बढ़ते जा रहा है। परिवहन विभाग की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में इस बार चौंकाने वाले आंकड़ें सामने आए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में शहरों की बजाय ग्रामीण क्षेत्रों में एक्सीडेंट में जान गंवाने वालों की संख्या अधिक है। जिसका मुख्य कारण यातायात नियमों का अनुपालन नहीं होना व सघन चैकिंग अभियान की कमी है। हादसों के बढ़ते ग्राफ से चिंतित सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में गठित सड़क सुरक्षा समिति ने पुलिस व परिवहन विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा—निर्देश जारी किए है।

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परिवहन विभाग की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में जान जाने की संख्या कुल 70.8 फीसदी है, जबकि नेशनल हाईवे पर यह 62 फीसदी और स्टेट हाईवे पर यह 19 फीसदी है। इसके अलावा ओवर स्पीडिंग के चलते 73.5 फीसदी लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। साथ ही दोपहिया वाहनों में एक्सीडेंट के दौरान मृतकों की संख्या 23 फीसदी है।

सड़क हादसों के बढ़ते ग्राफ पर चिंता जताते हुए मानीटरिंग कमेटी ने राज्य में मोटरयान नियमों का अनुपालन संतोषजनक नहीं बताया। कमेटी ने कहा कि परिवहन विभाग के अधिकारियोें को शहरों के बजाय देहात क्षेत्रों में जांच अभियान पर खासा फोकस करना होगा तथा मोटरयान नियमों के अनुपालन कराने को लेकर सघन चैकिंग अभियान चलाने होंगे।

सड़क सुरक्षा समिति ने सड़क हादसों के लिहाज से संवेदनशील माने जाने वाले हरिद्वार, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, देहरादून व टिहरी जिलों में प्रभावी ऑपरेशनल मैकेनिज्म विकसित करने के निर्देश दिए है।

उप परिवहन आयुक्त एवं नोडल अधिकारी लीड एजेंसी, सुधांशु गर्ग ने बताया कि मामले में पुलिस व परिवहन विभाग के संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा—निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्य की स कार्य की लगातार समीक्षा की जा रही है।

यहां देखे आंकड़ें—


नेशनल हाईवे पर मृतकों की संख्या – 62 फीसदी
स्टेट हाईवे पर मृतकों की संख्या – 19 फीसदी
ग्रामीण क्षेत्रों में मृतकों की संख्या – 70.8 फीसदी
खुले स्थानों पर मृतकाें की संख्या – 58 फीसदी
सीधी सड़कों पर मृतकों की संख्या – 39.8 फीसदी
ओवर स्पीडिंग के कारण मृतकों की संख्या – 73.5 फीसदी
कार टैक्सी की दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या – 34 फीसदी
दोपहिया वाहनों की दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या – 23 फीसदी

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