समस्याओं को लेकर उछास कार्यकर्ता मुखर,समस्याएं हल ना होने पर दी आंदोलन की चेतावनी

उत्तराखण्ड छात्र संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने सोबन सिंह जीना विवि की समस्याओं को लेकर को लेकर विश्विद्यालय प्रशासन को ज्ञापन दिया। छात्रों ने समस्याओं का…

Ushas activists were vocal about the problems warned of the movement

उत्तराखण्ड छात्र संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने सोबन सिंह जीना विवि की समस्याओं को लेकर को लेकर विश्विद्यालय प्रशासन को ज्ञापन दिया। छात्रों ने समस्याओं का हल ना किए जाने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी।


उछास कार्यकर्ताओ ने कुलपति को संबोधित ज्ञापन में कहा कि अल्मोड़ा को उत्तराखंड में एक प्रबुद्ध व सांस्कृतिक नगरी के रूप में जाना जाता है।कहा कि कुमाऊं विश्वविद्यालय के परिसर को सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय का नाम देकर सरकार ने विश्वविद्यालय घोषित किया है। किन्तु पिछले तीन वर्षों से यह विश्वविद्यालय और इसका मुख्य परिसर न व्यवस्थित हो पाया है न यहां अध्ययन अध्यापन का उचित वातावरण तैयार हो पाया है जिसको लेकर विद्यार्थी व उत्तराखंड छात्र संगठन चिंतित है।


ज्ञापन में कहा है कि विश्वविद्यालय परिसर में अध्ययन अध्यापन शीघ्र एवं विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए छात्रों, अभिभावकों एवं विश्वविद्यालय के अधिकारियों के सम्मिलित प्रयास व भागीदारी से शिक्षण व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करना, नियमित रूप से कक्षाओं का संचालन, उनमें अध्यापकों व विद्यार्थियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। ज्ञापन में कुलपति से इसके लिए तत्काल आवश्यक प्रयास व व्यवस्था करने की मांग की गई है।

ज्ञापन में छात्रों ने कहा​ कि अधिकांश छात्र छात्राएं निम्न व मध्यम वर्ग से यहां अध्ययन के लिए आते हैं। पर्वतीय क्षेत्रों के ग्रामीण अंचलों से यहां आने वाले विद्यार्थियों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होती किंतु छात्र छात्राओं के लिए विश्वविद्यालय में पुस्तकों की भारी कमी है। ज्ञापन में कहा कि अधिकांश छात्रों को ज़रूरत के अनुसार किताबें नहीं मिल पाती जिसके कारण बड़ी संख्या में छात्र कुंजी के सहारे परीक्षाएं देने को विवश होते हैं। कहा कि इन कारणो से विश्वविद्यालय का स्तर लगातार नीचे जा।


ज्ञापन में कहा है कि छात्र छात्राओं को ज़रूरत के अनुसार किताबें उपलब्ध कराने व विश्वविद्यालय में अध्ययन अध्यापन का वातावरण तैयार करने हेतु तत्काल प्रयास करने की आवश्यकता है। ऐसा न होने पर केवल कोरी डिग्रियों के सहारे विद्यार्थियों का जीवन सुधरना संभव नहीं है और ना ही वे प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छा परिणाम दे पा रहे हैं।

ज्ञापन में कहा गया है कि विश्वविद्यालय परिसर में विद्यार्थियों के विकास के लिए अन्य गतिविधियां, सेमिनार एवं समाज की ज्वलंत समस्याओं को लेकर कार्यक्रम आयोजित कर, उसमें छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।


ज्ञापन में मांग की गई है कि विश्वविद्यालय प्रशासन उनकी मांगों पर त्वरित कार्यवाही कर यहां के विद्यार्थियों को अल्मोड़ा जैसी बौद्धिक, सांस्कृतिक नगरी के अनुरूप विकसित करने का अवसर दे। कहा है कि अगर उनकी मांगो पर उचित कार्रवाही नही की गई तो मजबूरन उत्तराखण्ड छात्र संगठन को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। ज्ञापन देने वालों में भारती पाण्डे,दीक्षा सुयाल,दीपांशु,बलवंत नगरकोटी और आरती रावत शामिल रहे।