170 रुपए में बना लेते थे नकली घी, उसके बाद बेचते थे अमूल और पतंजलि समेत कई ब्रांडों से

आगरा में नकली घी बनाने का बड़ा कारोबार पकड़ा गया है। जिसके मास्टरमाइंड ग्वालियर के कारोबारी ही निकले हैं। आगरा के ताजगंज क्षेत्र में अमूल,…

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आगरा में नकली घी बनाने का बड़ा कारोबार पकड़ा गया है। जिसके मास्टरमाइंड ग्वालियर के कारोबारी ही निकले हैं। आगरा के ताजगंज क्षेत्र में अमूल, पतंजलि से लेकर 18 ब्रांड के नकली घी पैककर देश के कई राज्यों में सप्लाई किया जा रहा था।


ग्वालियर रजिस्टर्ड प्योर इट और रियल गोल्ड नाम की फर्मों का उपयोग आगरा में मिला है। आगरा जिले की पुलिस ने मैनेजर सहित पांच लोगों को एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन संचालकगण ग्वालियर की मैनावाली गली के नीरज अग्रवाल, पंकज अग्रवाल व बृजेश अग्रवाल हैं जिनके साथ ग्वालियर के और भी लोग शामिल हैं।


जिनकी तलाश में आगरा से आई पुलिस ने ग्वालियर में दबिश भी दी लेकिन यह घरों से फरार मिले। खाद्य और औषधि विभाग ग्वालियर के अनुसार रामनाथ अग्रवाल व उनके परिवार के लोग पहले नकली घी के कारोबार में लिप्त थे और रासुका भी लगी थी।


2010 के बाद से इन्होंने ग्वालियर छोड़ दिया था। बता दें कि गुरुवार को आगरा में ताजगंज पुलिस ने नकली देसी घी फैक्ट्री पर छापा मारकर मैनेजर राजेश भारद्वाज समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। फैक्ट्री में अमूल, पतंजलि, प्योर इट, कृष्णा जैसी कई ब्रांड का नकली घी बनाया जाता था।


फैक्ट्री दाल बाजार ग्वालियर के रहने वाले पंकज अग्रवाल, नीरज अग्रवाल, बृजेश अग्रवाल संचालित कर रहे थे। पुलिस ने जब खरीदारी और सप्लाई बाजार की जानकारी की तो चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई।


पुलिस के अनुसार बिल्टियों की जांच में पता चला कि नकली देसी घी को राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, असम व बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश के दो दर्जन से ज्यादा शहरों के फास्ट फूड बाजारों में सीधे बेचा जाता था। इसी घी से डोसा, भल्ले, समोसे और आमलेट तक बनाया जाता था।
आरोपित छोटे दुकानदारों को अपने नेटवर्क के माध्यम से सीधे जोड़ते थे।

आर्डर आने के बाद यही माल पहुंचा देते थे। आगरा के डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि मुकदमे में नामजद फरार फैक्ट्री मालिकों की गिरफ्तारी को ग्वालियर में टीम दबिश दे रही हैं। पुलिस ने छापे के दौरान फैक्ट्री से 144 किलोग्राम एक्सपायरी वनस्पति बरामद किया था।

ग्वालियर में बैठे नीरज अग्रवाल और ब्रजेश अग्रवाल वॉट्सएप के जरिये पूरा कारोबार चला रहे थे। उनके पकड़े जाने पर पूछताछ में सप्लाई चेन की विस्तृत जानकारी मिलेगी। पुलिस ने अब तक फैक्ट्री के मैनेजर राजेश भारद्वाज, कर्मचारियों में शिवचरण, भास्कर गौतम, ग्वालियर के माधौगंज के रहने वाले रवि मांझी, सागर के रहने वाले धर्मेंद्र सिंह को पकड़कर जेल भेजा गया है।

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