UPSC Result 2022 उत्तराखंड के युवाओं ने दिखाया अपनी प्रतिभा का जलवा,गरिमा ने पाई 39 वी रैंक

सिविल सेवा परीक्षा 2022 के परिणामों में इस बार भी उत्तराखण्ड के युवाओं का अच्छा प्रदर्शन रहा है। रुद्रपुर की गरिमा ने 39 वी रैंक…

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सिविल सेवा परीक्षा 2022 के परिणामों में इस बार भी उत्तराखण्ड के युवाओं का अच्छा प्रदर्शन रहा है। रुद्रपुर की गरिमा ने 39 वी रैंक प्राप्त की है। गरिमा रूद्रपुर की ईश्वर कॉलोनी की रहने वाली है। गरिमा की माता शारदा नरूला गृहणी और पिता बिपिन नरूला पैथोलॉजी लैब के प्रबंधक है। गरिमा वर्ष 2017 में सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा में उधम सिंह नगर जिला टॉपर रही है। गरिमा ने पहले ही प्रयास में आईएएस की परीक्षा पास की है।


नैनीताल जिले की दीक्षिता जोशी ने आईएएस परीक्षा में 58वीं रैंक हासिल की है। दीक्षिता हल्द्धानी के पीलीकोठी में रहती है।दीक्षिता की मॉ दीपा जोशी नैनीताल जिले के पहाड़पानी के खीमराम आर्य राजकीय इंटर कॉलेज में हिंदी की प्रवक्ता के पद पर कार्यरत है। है। दीक्षिता के पिता आईके पांडे नैनीताल बीडी पांडे अस्पताल में फार्मासिस्ट है।दीक्षिता ने बिना किसी कोचिंग के तीसरे प्रयास में सफलता प्राप्त की।


बागेश्वर में गरुड़ कस्बे के दर्शानी गांव की कल्पना पांडे ने 102 वीं रैंक लेकर जिले और उत्तराखण्ड का नाम रोशन किया है।कर्णप्रयाग की मुद्रा गैरोला ने यूपीएसी परीक्षा 2022 में 153वीं रैक लाकर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। दून के मुकुल जमलोकी ने चौथी बार में 161वीं रैंक पाई है। मुकल इस समय कोलकाता के सीएजी कार्यालय डिप्टी अकाउंटेंट जनरल के पद पर कार्य कर रहे है।अल्मोड़ा जिले की रानीखेत तहसील क्षेत्र की मीनाक्षी आर्या ने यूपीएससी परीक्षा में 444वीं रैंक पाई है।मीनाक्षी ने नैनीताल जिले के जवाहर नवोदय विद्यालय,गंगरकोट सुयालबाड़ी से इंटर की परीक्षा पास की और बीटैक एनआईटी पौढ़ी गढ़वाल से ​पास किया है। मीनाक्षी के पिता दीवान राम पूर्व सैनिक है जबकि माता गृहणी है। मीनाक्षी का परिवार हल्द्धानी के दमूवाढूंगा में निवास करता है।


पिथौरागढ़ जिले के मूल निवासी और हाल में दून निवासी हिमांशु सामंत ने आईएएस परीक्षा में 348वीं रैंक हासिल की है। मसूरी निवासी माधव भारद्वाज ने 536वीं रैंक पाई है।माधव इस समय यूपी शामली में तहसीलदार का पद संभाल रहे है।रुद्रप्रयाग की कंचन डिमरी ने 654वीं रैंक हासिल की है। कंचन का परिवार रुद्रप्रयाग के जखोली ब्लॉक के स्वीली गांव में निवास करता है। कंचन के पिता देवी प्रसाद डिमरी दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते है। कंचन ने अपनी मेहनत और कड़ी लगन से यह मुकाम पाया है।