हाईकोर्ट के शराबबंदी के लिए चरणबद्ध कदम उठाने के फैसले को उपपा ने बताया नशा नहीं रोजगार दो आंदोलन की जीत, प्रदेश सरकार से महिला समूहों के साथ विचार—विमर्श करने की उठाई मांग

अल्मोड़ा। उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा प्रदेश में शराबबंदी के लिए चरणबद्ध कदम उठाने के फैसले का स्वागत करते हुए उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने इस नशा…

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अल्मोड़ा। उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा प्रदेश में शराबबंदी के लिए चरणबद्ध कदम उठाने के फैसले का स्वागत करते हुए उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने इस नशा नहीं रोजगार दो आंदोलन की भावना की जीत बताया है। उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष व नशा नहीं रोजगार दो आंदोलन के नेतृत्वकारी पीसी तिवारी ने एक जारी बयान में कहा कि 2 फरवरी 1984 को बसभीड़ा चौखुटिया से शुरू हुए नशा नहीं रोजगार दो, काम का अधिकार दो आंदोलन समाज को नशे की गर्त में ले जाने वाले नशे माफियाओं व राजनेताओं के मिलीभगत के खिलाफ लगातार सक्रिय है तथा राज्य के ज्वलंत मुद्दों व भड़काने वाली शक्तियों को चुनौती दे रहा है। तिवारी ने प्रदेश सरकार से इस निर्णय के आलोक में राज्य को नशा मुक्त करने हे​तु संघर्षरत महिला समूहों के साथ विचार—विमर्श करने की मांग की है। उपपा अध्यक्ष ने कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये इस ऐतिहासिक निर्णय से यह साबित हो गया कि सरकार चाहे किसी भी पार्टी की हो, उनके द्वारा खुद के बनाये कानूनों की अवमानना कर नशे के तस्करों का पथ पोषण किया। न्यायालय में जनता की भावनाओं को आवाज देने के लिए व व्यसन मुक्त समाज के अगुवा एडवोकेट डीके जोशी का आभार व्यक्त किया है।