Uppa accusations – are being plundered with disrespect, mountains are being sold
अल्मोड़ा, 22 नवंबर 2020- उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी (Uppa)ने आरोप लगाया है कि औद्योगिकरण के नाम पर कृषि भूमि की असीमित ख़रीद की छूट देने के पहाड़ विरोधी फ़ैसले से चलते पर्वतीय क्षेत्रों में ज़मीन की खुली ख़रीद फरोख्त व लूट तेज़ हो गई है।
तिवारी ने कहा कि मैदानी क्षेत्रों में बढ़ते प्रदूषण, महानगरों में दिन प्रतिदिन बढ़ रही जीवन की दिक्कत के कारण पर्वतीय क्षेत्रों में ज़मीन खरीदने, होटल, रिसोर्ट बनाने की होड़ तेज़ हो गई है। उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी को लगातार सूचना मिल रही है कि भूमाफिया ज़मीनों के दोगुने, तिगुने दाम देकर ज़मीन पर कब्ज़ा कर रहे हैं और दूसरी ओर लोग शिक्षा, स्वास्थ्य और बेरोज़गारी से जूझ रहे हैं। पहाड़ के लोग धन के लालच में ज़मीन बेचकर अपनी पुश्तैनी संपत्तियों से हाथ धो रहे हैं।
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उपपा (Uppa)ने त्रिवेंद्र सरकार को इसके लिए जिम्मेदार बताया और कहा कि भारत के हिमालयी राज्य में भाजपा की त्रिवेंद्र सरकार वह पहली सरकार है जिसने अपने प्राकृतिक संसाधनों को बेदर्दी से कानून बनाकर लुटवाने का कानून बनाया जिसके लिए आने वाली पीढ़ियां उन्हें खलनायक के रूप में याद करेंगी।
उपपा (Uppa) के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने जारी बयान में कहा कि कोरोना का भय कम होने के बाद भूमाफिया बड़े पैमाने पर ज़मीन ख़रीद रहे हैं जिससे पर्वतीय क्षेत्रों के निवासियों के सामने अस्तित्व का संकट खड़ा हो रहा है।
उपपा (uppa) ने राज्य के तमाम सामाजिक, राजनीतिक संगठनों, जागरूक लोगों को इन पॉलिसियों को गंभीरता से लेने एवं ज़मीन अधीन कर चुके, कब्ज़ा कर चुके लोगों के ख़िलाफ़ अभियान चलाने की अपील की।
उपपा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखंड के प्राकृतिक संसाधनों पर स्थानीय नागरिकों के हकों के लिए पूरी ताक़त से निरंतर लड़ने वाली उपपा जनता को विश्वास दिलाती है, यदि उन्हें इन परिस्थितियों में जनता का सहयोग मिला तो वे भूमाफियाओं, उनके दलालों के राज को उत्तराखंड से ख़त्म कर देंगे।