उपपा नेता पीसी तिवारी सहित सभी सात लोगों को न्यायालय ने किया एससीएसटी एक्ट से आरोप मुक्त

अल्मोड़ा। 2016 की शुरूआत में नानीसार आंदोलन से जुड़े सभी छह लोगों को न्यायालय ने एससीएसटी एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे से आरोप मुक्त कर…

अल्मोड़ा। 2016 की शुरूआत में नानीसार आंदोलन से जुड़े सभी छह लोगों को न्यायालय ने एससीएसटी एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे से आरोप मुक्त कर दिया है।
विशेष सत्र न्यायाधीश की अदालत ने उपपा के केन्द्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी, रेखा धस्माना एवं नानीसार बचाव आन्दोलन से जुडे़ 5 अन्य ग्रामीणों को अनुसूचित जाति जन जाति अत्याचार निर्वाण अधिनियम व इन पर लगाये गये जॉच आरोप से मुक्त कर दिया। न्यायालय ने स्पष्ट किया की इस मामले में पीसी तिवारी द्वारा लिखाई गयी रिपोट की कार्रवाई से बचने के लिए एसी एक्ट के प्राविधानों का दुपयोग करते हुए रिपोट लिखाई गयी। न्यायाधीश ने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत किये गये गवाहों को भी भी अविश्वसनीय बताया।


मालूम हो कि वर्ष 2016 में भू आंवटन को लेकर नानीसार में जोरदार आंदोलन हुआ था। इस आंदोलन ने पूर्ववर्ती हरीश रावत सरकार को भी कटघरे में खड़ा कर दिया था। 23 जनवरी 2016 को उपपा के केन्द्रीय अध्यक्ष के साथ नानीसार में हिंसक कार्यवाही हुई थी। इस दौरान निर्माण संस्था के एक कर्मचारी की ओर से अनुसूचित जाति जन जाति अधिनियम के साथ उन पर मार पीट करने गाली गलोज करने के आरोप लगाते हुए रिपोट दर्ज की गई थी। इस मामले में पीसी तिवारी व रेखा धस्माना को कई दिन तक जेल में रहना पड़ा था।


न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने पत्रावली में मौजूद मेडिकल रिपोर्ट व अन्य दस्तावेजों के आधार पर विशेष एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. ज्ञानेन्द्र शर्मा ने सभी 7 आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया। न्यायालय ने पीसी तिवारी, रेखा धस्माना, विशन सिंह अधिकारी, गोपाल सिंह, दीवान सिंह, लक्ष्मण सिंह, राजेन्द्र सिंह को आरोपों से दोष मुक्त किया। मामले में बचाव पक्षर से वरिष्ट अधिवक्ता एच बी नैनीवाल ने पैरवी की।