प्रशांत भूषण के समर्थन में उतरी उलोवा, निर्णय पर पुनर्विचार करने की उठाई मांग

प्रशांत भूषण

Ulova came in support of Prashant Bhushan, प्रशांत भूषण

अल्मोडा, 19 अगस्त 2020 वरिष्ठ समाजसेवी, मानव अधिकार कार्यकर्ता व सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अवमानना का दोषी ठहराए जाने को उत्तराखंड लोक वाहिनी ने दुखद बताया. उलोवा ने दोषी करार दिए गए निर्णय को विधि अनुसार पुनर्विचार करने की मांग की है.

उत्तराखंड लोक वाहिनी द्वारा आयोजित संवाद कार्यक्रम में कहा गया कि न्यायालयो के फैसलों से असन्तुष्ट लोग यदि महसूस करते है कि उनके साथ न्याय नही हुआ तो उन्हे अपनी बात रखने का अधिकार है.

वक्ताओं ने कहा कि राजनेता आए दिन अपनी राजनीतिक रोटियां सेखने के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों और आदेशों की आलोचना करते रहते हैं वही, दूसरी ओर समाजसेवी, सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ट अधिवक्ता प्रशांत भूषण के ट्वीट पर उन्हे सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक अवमानना का दोषी माना है. इस पर देश भर मे अवमानना पर बहस खडी हो गई है. ऐसा विरोध आए दिन देखने को मिलता है.

संवाद में वक्ताओं ने कहा कि इतिहास में कई मामले ऐसे है जब सुप्रीम कोर्ट के फैसलो की आलोचना हुई है. फैसलो से एक पक्ष असन्तुष्ट होता है तो वह फैसलो की आलोचना करने लगता है. सरकारों पर दबाव पड़ता है तो सरकारें फैसला बदल लेती है. शाहवानो मामले मे यही हुआ. सरकार ने संसद के माध्यम से कानून बदल दिया.

कहा कि उलोवा ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध करती है कि संविधान की गरिमा को कायम रखने के अति आवश्यक लंबित मामलों का संज्ञान लेते हुए आमजन के हक में संविधान द्वारा दिए गए प्रावधानों के अनुसार न्याय हो.

वक्ताओं ने कहा कि बार और बेंच एक दूसरे के पूरक हैं और दोनों के बीच सौहार्दपूर्ण वातावरण होना आवश्यक है. संविधान मे न्यायधीश आचरण नियमावली मे क्या प्रावधान है इसकी व्याख्या इस प्रकार के मामलों में होनी चाहिए.

उत्तराखंड लोक वाहिनी ने प्रशान्त भूषण को दोषी करार दिए गए निर्णय को विधि अनुसार पुनर्विचार करने की मांग की है. कहा कि प्रखर सामाजिक कार्यकर्ता होने के नाते उत्तराखंड लोक वाहिनी सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता के साथ है.

संवाद कार्यक्रम में उत्तराखंड लोक वाहिनी के महासचिव पीसी तिवारी, छावनी परिषद अल्मोड़ा के उपाध्यक्ष जंग बहादुर थापा, वरिष्ठ अधिवक्ता जगत सिंह रौतेला, बार एसोसिएशन सचिव दीप जोशी, दया कृष्ण कांडपाल, अजयमित्र सिंह बिष्ट, कुणाल तिवारी, अजय सिंह मेहता, कुंदन सिंह, सूरज टम्टा, माधुरी मेहता, रेवती बिष्ट, आदि मौजूद थे.