तो ऐसे होगा उत्तराखंड में पर्यटन विकास, पर्यटक स्थल शीतलाखेत—मटीला मोटर मार्ग में छह किमी की दूरी में छह साल से नहीं हो पाया डामरीकरण,बरसात में इस सड़क से गुजरना मतलब जान जोखिम में डालना

अल्मोड़ा। प्रमुख पर्यटन स्थल शीतलाखेत से मटीला मोटर मार्ग की दशा ब्यूरोक्रेसी की अनदेखी के चलते खस्ता है। पिछले छह साल से लोग इस मार्ग…

gp 4
gp1

अल्मोड़ा। प्रमुख पर्यटन स्थल शीतलाखेत से मटीला मोटर मार्ग की दशा ब्यूरोक्रेसी की अनदेखी के चलते खस्ता है। पिछले छह साल से लोग इस मार्ग के पक्का बनने,डामरीकरण और सड़क में मानकों के अनुरूप डामरीकरण का इंतजार कर रही है लेकिन पर्यटन सर्किट बनाने का लॉलीपोप देने वाली सरकार और और उसकी मशीनरी पीडब्लूडी का ध्यान इस सड़क की ओर नहीं गया है। सड़क में डामरीकरण भी मात्र छह किमी ही करना है शेष सड़क ठीक हालत में है।

gp 2


कहने को सरकार, जिला प्रशासन लोक निर्माण विभाग हर बैठकों में शीतलाखेत को पर्यटन सर्किट से जोड़ने और ऐसे सुरम्य पर्यटक स्थलों को रोड रीच देने की बात करती आई है। इसी के मद्देनजर शीतलाखेत से मटीला टू काकड़ीघाट मार्ग का निर्माण किया गया है। इस सड़क से शीतलाखेत की एनएच हल्द्वानी अल्मोड़ा की दूरी मात्र 20 किमी ही रह जाती है। यानी पर्यटक के अलावा स्थानीय ग्रामीणों को भी शीतलाखेत आने के लिए वाया अल्मोड़ा या रानीखेत नहीं आना पड़ेगा। शीतलाखेत से यह सड़क लोगों को सीधे काकड़ीघाट पर छोड़ देगी लेकिन जनता की यह आवाज जिला प्रशासन और लोनिवि तक नहीं पहुंच रही है।
लोनिवि की लापरवाही और उदासीनता के कारण पिछले सालों की तरह इस साल भी वर्षाकाल में शीतलाखेत-खरकिया-मटीला मोटर मार्ग की हालत खराब हो गई है।सडक़ पर बने गडढों की वजह से इस मोटर मार्ग पर गाडिय़ों की आवाजाही बंद हो गई है।
पिछले 6 सालों से सोलिंग और डामरीकरण का इंतजार कर रहे इस मोटर मार्ग में लोक निर्माण विभाग डामरीकरण तो दूर ठीक ढंग से नाली निर्माण तक नहीं कर सका है जिस कारण बारिश का पानी सडक़ को गडढों में तब्दील कर रहा है।
मोटर मार्ग की हालत खराब होने से शीतलाखेत, सल्ला रौतेला, चंपाखाली, खरकिया, मटीला, सूरी, गड़सारी आदि गांवों के ग्रामीण तथा पर्यटन परेशान हैं।

gp 3


स्थानीय ग्रामीण रमेश भंडारी, रवि परिहार, गोविंद परिहार, किशोर सिंह, गणेश पाठक, विपिन पाठक, वीर सिंह, पूरन सिंह आदि ग्रामीणों ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से अविलम्ब सडक़ में नाली बनाने तथा डामरीकरण की कार्यवाही आरंभ किये जाने की मांग की है। लोग अब जिलाप्रशासन पर भी सवाल उठाने लगे हैं जो हर मीटिंग में पर्यटनस्थलों को सुविधा संपन्न् करने की मांग करता तो है लेकिन इस प्रकार के ज्वलंत मांग पर उसका ध्यान नहीं जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रांतीयखंड डिविजन के पास यह सड़क है काम के नाम पर केवल आश्वासन ही ग्रामीणों को मिलता है।

gp 4